बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) द्वारा दिए जाने गोल्ड लोन (Gold Loan) का बाजार चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये हो हो सकता है और मार्च 2027 तक यह बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. बुधवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. 

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रेटिंग एजेंसी ICRA की ओर से कहा गया है कि गोल्ड ज्वेलरी समर्थित कृषि लोन में बैंकों की बाजार हिस्सेदारी अधिक है. मार्च 2024 में कुल गोल्ड लोन बुक में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत थी. जबकि मार्च 2019 में यह आंकड़ा 54 प्रतिशत पर था. हालांकि, इस पीरियड में एनबीएफसी और प्राइवेट बैंकों की बाजार हिस्सेदारी में हल्की नरमी देखने को मिली है.

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में NBFC की गोल्ड लोन बाजार में हिस्सेदारी बढ़कर 17 से 19 प्रतिशत हो सकती है. हाल के कुछ समय में एनबीएफसी गोल्ड लोन में वृद्धि का ट्रेंड अन्य लोन उत्पाद जैसे माइक्रो-फाइनेंस, पर्सनल लोन आदि से प्रभावित हुआ है जो समान कैटेगरी को टारगेट करते हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2020 से 2024 के बीच संगठित गोल्ड लोन बाजार 25 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा था. इस दौरान बैंकों की गोल्ड लोन बुक 26 प्रतिशत के सीएजीआर और एनबीएफसी गोल्ड लोन बुक 18 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ा.

वित्त वर्ष 2020 से लेकर वित्त वर्ष 2024 के बीच बैंकों में गोल्ड ज्वेलरी से समर्थित कृषि लोन की 26 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ा था. वहीं, रिटेल गोल्ड लोन 32 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ा. इसकी वजह छोटे आधार का होना है. आईसीआरए के मुताबिक, एनबीएफसी की गोल्‍ड लोन बुक वित्त वर्ष 2025 में 17 से 19 प्रतिशत से बढ़ सकती है. वहीं, वित्त वर्ष 2026 से वित्त वर्ष 2027 से बीच इसके 14 से 15 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है.