वर्ष 2019 आने वाला है और नए साल के संकल्प में सबसे महत्वपूर्ण है वित्तीय प्लानिंग. इसके लिए जरूरी है कि इस साल इनकम टैक्स (Income tax) में हुए बदलावों पर गौर किया जाए. इन बदलावों को समझकर टैक्स रिटर्न (Tax returns) फाइल करना आसान होगा ही, साथी ही आप टैक्स भी बचा सकते हैं. इसके अलावा समय पर रिटर्न फाइल करके आप पैनाल्टी से भी बच सकते हैं. यानी अगर आप फाइनैंशियली थोड़े जागरूक हो जाएं, तो इसमें आपका फायदा ही फायदा है. आइए जानें चालू वित्त वर्ष 20018-19 के दौरान हुए आयकर रिटर्न फाइल करने से संबंधित बदलावों के बारे में-

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1. इनकम टैक्स रिटर्न में देरी

इस साल से अगर आप टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी करेंगे तो आपको पेनाल्टी देनी होगी. इस साल आयकर कानून में एक नया सेक्शन 234एफ जोड़ा गया है. इसके मुताबिक आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने पर पैनाल्टी देनी होगी. ये पेनाल्टी 1000 रुपये से लेकर 10000 रुपये तक है.

2. इनकम टैक्स रिटर्न में सुधार

यदि आयकर रिटर्न भरने में कोई गलती हो गई है, तो गलती को उसी वित्त वर्ष के अंत तक सुधारा जा सकता है. यानी अगर 2018-19 का आयकर रिटर्न फाइल किया गया है तो 31 मार्च 2019 तक ही उसमें संशोधन किया जा सकता है. इसलिए सोच समझकर रिटर्न फाइल करें और यदि कोई गलती हो जाए तो उसे समय रहते ठीक कर लें.

3. स्टैंडर्ड डिडक्शन 

इस साल सरकार ने एक बार फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन की पेशकश की है. हालांकि इसके बदले मेडिकल खर्च और ट्रांसपोर्ट अलाउंस को हटा दिया गया है. अब आप टैक्स रिटर्न भरते समय 40000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

4. एनपीएस पर टैक्स छूट

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में निवेशकों को राहत देते हुए सरकार ने कहा है कि मैच्योरिटी पर एनपीएस से 60% रकम निकालने पर 100% टैक्स छूट दी जाएगी. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि शेष 40% राशि का इस्तेमाल पेंशन लेने के लिए किया जाए.

5. सेस में बढ़ोतरी

आयकर पर सेस में इस साल 1% की वृद्धि की गई है. पहले 3% सेस लगता था, जबकि इस साल इसे बढ़ाकर 4% कर दिया गया है. सेस में हुई इस बढ़ोतरी से मिली राशि को शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए खर्च किया जाएगा.

6. सीनियर सिटिजन को राहत

सीनियर सिटिजन को आयकर कानून की धारा 80टीटीबी के तहत ब्याज से होने वाली 50000 रुपये तक की आय पर टीडीएस नहीं देना होगा. इस तरह आयकर रिटर्न भरते समय इस बात का ध्यान रखा जा सकता है और अगर बैंक ने ये राशि काट ली हो तो रिटर्न फाइल करके इसे वापस पाया जा सकता है.