प्राइवेट नौकरी के बाद भी शान से गुजरेगी लाइफ, जेब में भरे रहेंगे पैसे; आज ही चुनें अपना बेस्ट ऑप्शन
Planning for Future: अगर आपके पास सरकारी पेंशन का कवर नहीं हैं, तो असल समस्या रिटायरमेंट के बाद शुरू होती है. आपकी जेब में सीमित पैसे होंगे और आप चाहकर भी अपने मनमुताबिक लाइफ स्टाइल नहीं गुजार पाएंगे. खासकर प्राइवेट जॉब करने वालों के सामने यह दिक्कत ज्यादा आने की आशंका रहती है.
Planning for Future: हर किसी को एकउम्र तक नौकरी करने के बाद रिटायर होना ही होगा. अगर आपके पास सरकारी पेंशन का कवर नहीं हैं, तो असल समस्या रिटायरमेंट के बाद शुरू होती है. आपकी जेब में सीमित पैसे होंगे और आप चाहकर भी अपने मनमुताबिक लाइफ स्टाइल नहीं गुजार पाएंगे. खासकर प्राइवेट जॉब करने वालों के सामने यह दिक्कत ज्यादा आने की आशंका रहती है. इसलिए जरूरी है कि जब आप नौकरी शुरू करें, उसी वक्त से रिटायरमेंट प्लानिंग भी शुरू कर दें. रिटायरमेंट प्लानिंग लंबी अवधि का गोल है. ऐसे में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) दोनों ही लंबी अवधि के नजरिए दमदार स्कीम हैं.
PPF में कोई भी निवेश कर सकता है. यह एक वॉलेंटियरी स्कीम है. जबकि, NPS प्राइवेट कंपनियों में इम्प्लॉइज के लिए जरूरी नहीं है, लेकिन वे अगर चाहे तो ये अकाउंट खुलवा सकते हैं. NPS और PPF में निवेश सिर्फ टैक्स सेविंग को ध्यान में रख कर नहीं करना चाहिए. PPF को लॉन्ग टर्म की फाइनेंशियल जरूरतों के लिए चुन सकते हैं क्योंकि इसमें टैक्स सेविंग होती है. वहीं, NPS एक वेल्थ क्रिएशन इंस्ट्रूमेंट की तरह काम करता है. इसमें इक्विटी और डेट में निवेश से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद होती है.
Public provident fund- PPF
PPF अकाउंट में आप हर साल मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. PPF में निवेश की रकम को सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है. इसके अलावा, इस में मैच्योरिटी पर मिलने वाला अमाउंट और ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. PPF का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है. हालांकि, 7 साल बाद इसमें प्री-मैच्योर विद्ड्रॉल किया जा सकता है. PPF अकाउंट को 15 साल के बाद 5-5 साल के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है. PPF पर अभी 7.1 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. इसमें कम्पाउंडिग सालाना होती है.
PPF का रिटर्न कैलकुलेशन
पीपीएफ 15 साल की सेविंग स्कीम है. इस पर ब्याज दर सरकार की ओर से हर तिमाही में तय होती है. फिलहाल ब्याज दर 7.1 फीसदी है. अगर आप हर साल डेढ़ लाख पीपीएफ में जमा करते हैं तो 15 साल के बाद 7.1 फीसदी की ब्याज दर से यह 40.68 लाख रुपये हो जाएगी. यह गारंटीड रिटर्न होगा. यह मैच्योरिटी राशि टैक्स फ्री है. महंगाई और पीपीएफ के प्री-टैक्स रिटर्न को देखें तो अभी भी यह बेहतरीन निवेश इंस्टूमेंट है.
National Pension System- NPS
NPS को खासतौर से रिटायरमेंट के बाद की फाइनेंशियल जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इसमें 18 साल से 70 साल की उम्र तक का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है. अकाउंट खोलने के बाद इसमें 60 साल तक पैसा जमा करना होता है. मैच्योरिटी पर फंड का 60 फीसदी मिलता है. यह राशि टैक्स-फ्री होती है. शेष 40 फीसदी रकम एन्युटी में जाती है.मिनिमम इनती एन्युटी रखनी जरूरी है. एन्युटी की रकम से ही इंश्योरेंस कंपनी जीवन भर पेंशन देती है. हालांकि, यह पेंशन टैक्स दायरे में आता है. PPF की तरह NPS में रिटर्न फिक्स नहीं होता है. लेकिन यह फंड ओर से इक्विटी और डेट में निवेश से हासिल होने वाले रिटर्न पर निर्भर करता है.
यहां यह जान लें, एन्युटी आपके और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक कांट्रैक्ट होता है. इस कांट्रैक्ट के अंतर्गत NPS में कम से कम 40 फीसदी रकम का एन्युटी खरीदना जरूरी होता है. यह रकम जितनी अधिक होगी, पेंशन की रकम उतनी ही ज्यादा होगी. एन्युटी के तहत निवेश की गई रकम रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में मिलती है और एनपीएस की शेष राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है.
NPS का रिटर्न कैलकुलेशन
अगर निवेशक की औसत उम्र 21 साल है. इसमें वह 12,500 रुपये मंथली कंट्रीब्यूशन करता है. 21 साल की उम्र से अगर एनपीएस से जुड़ते हैं तो इसमें 60 साल की उम्र तक यानी 39 साल तक निवेश करना होगा.
NPS में मंथली निवेश: 12,500 रुपये (1.50 लाख रु सालाना)
39 साल में कुल योगदान: 58.50 लाख रुपये
निवेश पर अनुमानित रिटर्न: 10%
मेच्योरिटी पर कुल रकम: 7.20 करोड़ रुपये
एन्युटी परचेज: 40%
अनुमानित एन्युटी रेट: 6%
60 की उम्र पर पेंशन: 1,44,022 रुपये महीना
(नोट: यह कैलकुलेशन एक अनुमानित आंकड़ा है. वास्तविक आंकड़े में अंतर हो सकता है.)
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