नौकरी वालों के लिए बड़ी खबर: 12 मई से बदल जाएगा फॉर्म-16, जानिए इससे जुड़ी बातें
नया वित्त वर्ष शुरू होने के बाद कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए पिछले वित्त वर्ष का फॉर्म-16 जारी करती हैं. इसमें पिछले वित्त वर्ष के टीडीएस की जानकारी होती है.
नौकरी करने वालों के लिए बड़ी खबर है. इनकम टैक्स विभाग ने फॉर्म-16 में बदलाव कर दिया है. अब नियोक्ता यानी एम्प्लॉयर को कर्मचारी की ज्यादा जानकारी इस फॉर्म में देनी होंगी. इस महीने की शुरुआत में इनकम टैक्स विभाग ने यह बदलाव किया था. 12 मई से संशोधित फॉर्म लागू हो जाएगा. एम्प्लॉयर को कर्मचारी की प्रॉपर्टी से हुई कमाई, दूसरे नियोक्ता की ओर से मिले भुगतान की डिटेल्स नए फॉर्म-16 में देनी होंगी.
नए फॉर्म-16 क्या देना होगा
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट्स बलवंत जैन के मुताबिक, नए फॉर्म-16 में अब अलग-अलग टैक्स सेविंग्स स्कीम के तहत किए गए निवेश, कटौती, अलग भत्तों से हुई आय और दूसरे स्त्रोतों से हुई आय का ब्योरा भी देना होगा.
क्या होता है फॉर्म
नया वित्त वर्ष शुरू होने के बाद कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए पिछले वित्त वर्ष का फॉर्म-16 जारी करती हैं. इसमें पिछले वित्त वर्ष के टीडीएस की जानकारी होती है. फॉर्म-16 के आधार पर ही कर्मचारी अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं. आमतौर पर फॉर्म-16 जून में जारी किया जाता है. इ्नकम टैक्स विभाग वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म नोटिफाई कर चुका है. नौकरी करने वालों के अलावा ऐसे लोग जिनके खातों का ऑडिट नहीं होना है, वह 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
क्यों हुआ फॉर्म में बदलाव
बलवंत जैन के मुताबिक, टैक्स चोरी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. कई बार फॉर्म-16 और ITR में दी गई जानकारी में अंतर होता है. नए फॉर्म के बाद कर्मचारी के निवेश और आय की सभी जानकारियां होने पर यह अंतर खत्म हो जाएगा. कंपनी की तरफ से मिलने वाले अलाउंस पर टैक्स छूट आगे भी जारी रहेगी. लेकिन, नियोक्ता को सभी तरह की कटौती का पूरा ब्योरा फॉर्म-16 में देना होगा.
12 मई से होगा लागू
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से अधिसूचित संशोधित फॉर्म 12 मई 2019 से लागू होगा. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संशोधित फॉर्म 16 के आधार पर ही आयकर रिटर्न (ITR) भरा जाएगा. संशोधित फॉर्म-16 में बचत खातों में जमा पर ब्याज के संदर्भ में कटौती का ब्योरा और छूट एवं अधिभार (जहां लागू हो) भी शामिल होगा.
फॉर्म-24 Q में भी बदलाव
इनकम टैक्स विभाग ने फॉर्म-24 Q में भी बदलाव किया है. यह फॉर्म नियोक्ता की ओर से आयकर विभाग को जारी किया जाता है. इसमें अब उन गैर-संस्थागत इकाइयों का पैन नंबर भी देना होगा, जहां से कर्मचारी ने घर खरीदने या बनाने के लिए लोन लिया है.