RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एकबार फिर से रेपो रेट में बढ़ोतरी (RBI hiked repo rate) का फैसला किया. इसे 25 बेसिस प्वाइंट्स से बढ़ाया गया है, जिसके बाद रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है. बीते 10 महीनों में रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी पर पहुंच गया है. जाहिर है कि इसका असर दोतरफा है. एक तरफ आपकी जमा-पूंजी, खासकर फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला रिटर्न (Fixed Deposit interest rates) बढ़ रहा है. दूसरी तरफ होम लोन, कार लोन की EMI भी बढ़ रही है. रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में आज रेट हाइक को लेकर जो फैसला लिया गया है,  निवेशकों पर उसके असर को समझने की कोशिश करते हैं.

10 महीनों में रेपो रेट 2.50 फीसदी बढ़ा है

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आनंदराठी वेल्थ लिमिटेड की श्वेता रजानी और कम्प्लीट सर्कल वेल्थ सॉल्यूशन्स के मैनेजिंग पार्टनर क्षितिज महाजन ने कहा कि मई 2022 से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की शुरुआत की थी. गवर्नर दास ने आपातकाल बैठक में रेपो रेट 40  बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाने का फैसला किया था और यह 4 फीसदी से बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया था. उसके अगले महीने जून 2022 में MPC Meeting हुई, जिसमें रेपो रेट फिर से 50 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाया गया और यह 4.90 फीसदी पर पहुंच गया.

Fixed Deposits पर मिलने वाला रिटर्न बढ़ा है

एक्सपर्ट ने कहा कि मई 2022 में 3-5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर  औसतन 5.45 फीसदी का रिटर्न मिल रहा था. दिसंबर 2022 तक औसत रिटर्न बढ़ते-बढ़ते 6.10 फीसदी पर पहुंच गया है. कई बैंक तो 7-8 फीसदी तक इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहे हैं. रेपो रेट में आज की बढ़ोतरी के बाद आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद है.

लॉन्ग टर्म लोन की EMI 20 फीसदी तक बढ़ी

EMI पर असर को लेकर एक्सपर्ट्स ने कहा कि ज्यादातर बैंकों, NBFCs ने होम लोन, कार लोन पर जाने वाले मंथली इंस्टॉलमेंट में इजाफा किया है. लॉन्ग टर्म के होम लोन की EMI बीते दस महीनों में औसतन 20 फीसदी तक महंगा हो चुका है. छोटी अवधि वाले लोन की ईएमआई भी औसतन 10 फीसदी बढ़ चुकी है. रेपो रेट बढ़ने के कारण EMI का बोझ फिर से बढ़ सकता है.

3 साल के लिहाज से Fixed Deposits में किया निवेश

फिक्स्ड डिपॉजिट पर जब-जब रिटर्न बढ़ता है, निवेशकों का आकर्षण इसके प्रति बढ़ जाता है. दरअसल, यह सुरक्षित निवेश माना जाता है. बीते कुछ महीनों में FD पर मिलने वाले रिटर्न में सुधार से निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है. इन्वेस्टिंग प्लैटफॉर्म Kuvera की रिपोर्ट के मुताबिक, 44 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि 3 साल के लिहाज से उन्होंने एफडी में निवेश किया है. 23 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि इमरजेंसी फंड के लिए उन्होंने एफडी में निवेश किया है. यह महंगाई को मात देने में भी सक्षम है.  RBI डेटा के मुताबिक, मार्च 2022 में सभी बैंकों का डिपॉजिट्स 2242.775 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया था जो ऑल टाइम हाई है. रेपो रेट में बढ़ोतरी से आने वाले समय में FD पर मिलने वाला रिटर्न और बढ़ने की उम्मीद है.

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