Finance Ministry on TCS: तमाम आलोचना के बाद सरकार ने कहा कि एक वित्त वर्ष में विदेश में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 7 लाख तक के खर्च पर TCS यानी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स नहीं कटेगा. इसी हफ्ते वित्त मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया. इसके तहत इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च को  LRS के दायरे में लाने का फैसला किया गया. इसके कारण ऐसे ट्रांजैक्शन पर 20 फीसदी का TCS लागू हो गया. इस फैसले का कड़ा विरोध किया गया. अब वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य रिजर्व बैंक की LRS और टीसीएस के संबंध में प्रक्रिया संबंधी अस्पष्टता को दूर करना है.

LRS के दायरे से बाहर रखा गया

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वित्ता मंत्रालय ने कहा कि प्रक्रिया संबंधी अस्पष्टता दूर करने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है कि इंटरनेशनल डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेशों में एक वित्त वर्ष में 7 लाख रुपए तक के खर्च को LRS के दायरे से बाहर रखा जाएगा.  इसपर किसी तरह का TCS नहीं कटेगा.

पढ़ाई और इलाज पर खर्च शामिल नहीं

फिलहाल विदेशों में इलाज और पढ़ाई पर होने वाले सात लाख रुपए तक के खर्च पर टीसीएस नहीं कटता है. ऐसे खर्च पर टीसीएस पांच फीसदी की दर से कटता है. मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधित भुगतान के लिये TCS से जुड़ी मौजूदा सुविधा जारी रहेगी.

16 मई को हुआ था फैसला

बता दें कि सरकार ने 16 मई को  FEMA यानी फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट रूल्स 2000 के रूल नंबर 7 को खत्म कर दिया. इसके बाद 1 जुलाई 2023 से इंटरनेशनल  क्रेडिट कार्ड खर्च पर 20 फीसदी का TCS लागू हो गया.  हालांकि, मेडिकल और एजुकेशन संबंधी पेमेंट को इससे बाहर रखा गया. डेबिट कार्ड को लेकर खर्च शर्तों के साथ पहले से LRS के दायरे में है. इसकी वर्तमान लिमिट 2.5 लाख रुपए है.

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