पैसे डूबने का सताता है डर? इन पांच विकल्पों में करें निवेश, मिलेगी सुरक्षा होगी कमाई
Personal finance: रेकरिंग डिपॉजिट यानी आरडी, एक प्रकार की निवेश योजना है जो निवेशकों को हर महीने एक निश्चित राशि बचाने और उसी पर ब्याज आय अर्जित करने की अनुमति देती है.
हर कोई पैसा बनाना चाहता है. इसके लिए वह निवेश के अलग-अलग विकल्पों को चुनता है. लेकिन कई लोग निवेश का जोखिम लेने से घबराते हैं. कई लोग जोखिम लेकर निवेश करते हैं. अगर आप भी निवेश में जोखिम नहीं लेना चाहते हैं और मध्यम स्तर पर मिले रिटर्न से संतुष्ट रहते है तो आपको निवेश कुछ ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में करना चाहिए जो सबसे पहले सुरक्षित हो. इन निवेश विकल्पों में ठीक-ठाक रिटर्न भी मिलते हैं. आज हम यहां ऐसे ही पांच निवेश विकल्पों की चर्चा करते हैं जो सुरक्षित भी हैं और रिटर्न भी अच्छा देते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी)
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) सुरक्षित निवेश साधन है जो बचत खातों में जमा की तुलना में अधिक ब्याज दर प्रदान करते हैं. इन खातों को एक विशिष्ट अवधि के लिए शुरू किया जा सकता है. इसके तहत आप महज सात दिनों के लिए भी निवेश सकते हैं. एफडी पर ब्याज दरें साधन के कार्यकाल के आधार पर तय की जाती हैं. वाणिज्यिक और छोटे वित्त बैंक, पोस्ट ऑफिस और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी एफडी अकाउंट खोलने का विकल्प प्रदान करती हैं.
रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी)
रेकरिंग डिपॉजिट यानी आरडी, एक प्रकार की निवेश योजना है जो निवेशकों को हर महीने एक निश्चित राशि बचाने और उसी पर ब्याज आय अर्जित करने की अनुमति देती है. देश भर के सभी प्रमुख वित्तीय संस्थान (बैंक-डाकघर सहित) आरडी खाता खोलने की सुविधा प्रदान करते हैं. एक निवेशक एक आरडी खाता खोलने के लिए कई तरह की शर्तें चुन सकता है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)
यह एक तरह का रिटायरमेंट प्लान से जुड़ा निवेश विकल्प है. बैंक और डाकघर सहित विभिन्न संस्थानों द्वारा पेश किया गया पब्लिक प्रॉविडेंट फंड या पीपीएफ छूट, छूट, छूट (ईईई) के अन्तर्गत आता है. ब्याज दर त्रैमासिक आधार पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है. फिलहाल यह 8 फीसदी सालाना है. ब्याज की गणना महीने के पांचवें दिन और अंत के बीच न्यूनतम शेष राशि पर की जाती है और हर साल 31 मार्च को भुगतान किया जाता है.
मासिक आय योजना (एमआईएस)
चालू तिमाही के लिए, एमआईएस खाता 7.7 प्रतिशत की ब्याज दर प्रदान करता है. इसकी परिपक्वता अवधि पांच वर्ष है. एक सिंगल अकाउंट में इस निवेश विकल्प में अधिकतम 4.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं, जबकि ज्वाइंट अकाउंट में यह राशि 9 लाख रुपये तक निर्धारित है. हालांकि, आय टैक्स के दायरे में आता है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
NPS सरकार द्वारा प्रायोजित एक रिटायरमेंट नियोजन साधन है जिसे पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा विनियमित किया जाता है. यह व्यक्तियों को उनके पूरे जीवन के दौरान पेंशन कॉर्पस के निर्माण में योगदान करने की अनुमति देता है. दो प्रकार के खाते हैं जो एनपीएस के अंतर्गत खोले जाते हैं. एक है टियर 1 और दूसरा है टियर 2. टियर 1 एक पेंशन खाता है और अनिवार्य है. टियर 2 एक बचत खाता है और वैकल्पिक है.