आजकल निवेश के तमाम ऑप्‍शंस हैं, जिनमें निवेशक अपनी सहूलियत और फायदे को देखकर इन्‍वेस्‍टमेंट करता है. कुछ निवेशक अपने इन्‍वेस्‍टमेंट में रिस्‍क लेने से हिचकते हैं. बेशक रिटर्न थोड़ा कम मिले, लेकिन उनका निवेश सुरक्षित रहे, ये उनके लिए ज्‍यादा जरूरी होता है. ऐसे निवेशक अधिकतर FD को अपने पोर्टफोलियो में शामिल जरूर करते हैं.

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लेकिन अगर आप थोड़ा बहुत रिस्‍क ले सकते हों, तो एफडी की बजाय डेट फंड का ऑप्‍शन भी चुन सकते हैं. खासतौर से तब, जब आप सिर्फ 2 से 3 साल की छोटी सी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हों. ऐसी स्थिति में आप म्‍यूचुअल फंड में डेट फंड का चुनाव कर सकते हैं. म्‍यूचुअल फंड्स में डेट फंड को सबसे सुरक्षित विकल्‍प माना जाता है और ये एफडी के मुकाबले काफी अच्‍छा रिटर्न देने की क्षमता रखता है. आइए आपको बताते हैं इसके फायदे.

जानिए क्‍या होता है डेट फंड?

डेट फंड्स में निवेशकों से लिया गया पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्‍योरिटी में लगाया जाता है जैसे बॉन्‍ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर आदि. यानी डेट फंड का पैसा सुरक्षित जगह पर निवेश किया जाता है. डेट फंड को इक्विटी के मुकाबले ज्‍यादा सुरक्षित माना जाता है. इसमें लिक्विडिटी की भी कोई समस्या नहीं होती है यानी जब चाहें आप अपना पैसा निकाल सकते हैं. आमतौर पर डेट फंड की तय मैच्योरिटी डेट होती है. 

एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न

अगर आप मुनाफे की नजर से देखें तो डेट फंड्स आपको एफडी के मुकाबले थोड़ा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. आमतौर पर 1 साल से 3 साल की एफडी पर आपको 6 प्रतिशत से 7 या 7.5 फीसदी तक का ब्‍याज मिलता है. लेकिन डेट फंड का रिटर्न 9 फीसदी के आसपास माना जाता है.  ऐसे में आप डेट फंड में पैसा लगाकर ज्‍यादा मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि डेट फंड में निवेशक को इक्विटी जैसे ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. 

FD और Debt Funds पर टैक्‍स के नियम 

टैक्‍स की बात करें तो Debt Funds से मुनाफे पर टैक्स का प्रावधान है. 3 साल के पहले डेट म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बेचने से हुए मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ता है. गेन्स पर आपको इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा. वहीं एफडी की बात करें तो 5 साल की एफडी टैक्‍स फ्री होती है. इससे कम समय की एफडी पर आपको इनकम टैक्‍स देना पड़ता है.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले स्‍वयं पड़ताल कर लें या अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)