Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस एक जरूरी काम है. दुनिया भर में स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ते खर्चे के साथ, यह बीमा किसी भी मेडिकल खर्च या गंभीर बीमारी के मामले में फाइनेंशियल मदद करता है. जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, हेल्थ इंश्योरेंस और भी जरूरी हो जाता है. बुजुर्ग नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम चुनना एक कठिन प्रोसेस हो सकता है.  इंश्योरेंस खरीदते समय कुछ अहम बातों को ध्यान में रखना होगा. इसमें रोगी के अस्पताल में भर्ती होने का कवरेज और प्रीमियम शामिल हैं या नहीं.

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बुजुर्ग नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम खरीदते समय यहां कुछ अहम बातों का जिक्र है.

पहले की बीमारियों के बारे में नियम और शर्तें

कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में पहले से मौजूद बीमारियों पर शर्तें हैं जिन्हें उनकी स्कीम के तहत माना जाएगा. बीमा कंपनी ज्यादा प्रीमियम ले सकते हैं या इस बेसिस पर पॉलिसी लेने से इनकार कर सकते हैं. इंश्योरेंस चुनने से पहले उन नियमों और शर्तों को पढ़ना जरूरी है कि किन बिमारियों को पॉलिसी के तहत कवर किया जाएगा. 

अस्पताल में भर्ती होने के बाद के खर्च

ये अस्पताल में रहने के बाद क्लेमेंट के किसी भी खर्च को रेफर करता है, जिसके लिए उन्हें भर्ती कराया गया था. आमतौर पर, इन खर्चों का एलिजिब्लिटी पीरियड 60 -90 दिनों का होता है. बुजुर्ग नागरिकों के लिए, कई बीमा कंपनी अस्पताल में भर्ती होने के बाद के खर्चों के लिए अमाउंट को लिमिटेड कर सकते हैं.

प्रीमियम और डिडक्टिबल

बुजुर्ग नागरिकों के लिए हेल्थ बीमा प्रीमियम आम तौर पर ज्यादा होता है. बुजुर्ग नागरिकों को अपने बजट पर गौर करना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या वे प्रीमियम और अपनी जेब से खर्च कर सकते है. 

को पेमेंट और सब लिमिट (Co-payment and sub-limits)

सब लिमिट का मतलब है वह अधिकतम राशि जो एक पॉलिसीहोल्डर किसी विशेष प्रक्रिया के लिए हकदार है. को पेमेंट से मतलब उस पैसे से है जो किसी को दावे के एक हिस्से के लिए अपने बजट से पेमेंट करना पड़ता है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बुजुर्ग नागरिकों  के लिए अलग-अलग को पेमेंट और सब लिमिट देती हैं. व्यक्ति को ऐसे बीमा का चयन करना चाहिए जो मिनिमम को पेमेंट और सब लिमिट देता है. 

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