ईपीएफओ के नियम के अनुसार नौकरी के 10 साल पूरे करने के बाद कोई भी व्‍यक्ति ईपीएस95 स्‍कीम के तहत पेंशन पाने का हकदार बन जाता है. लेकिन अगर इस बीच कर्मचारी की मौत हो जाए, तो पेंशन का लाभ उसके परिवार के सदस्‍यों को दिया जाता है. इस स्थिति में विधवा पेंशन, बाल पेंशन और अनाथ पेंशन दी जाती है. लेकिन पेंशन प्राप्‍त करने के लिए परिवार के सदस्‍यों को किन-किन दस्‍तावेजों की पड़ती है जरूरत? यहां जानिए इसके बारे में.

इन दस्‍तावेजों की जरूरत

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ईपीएस की पेंशन के लिए मृतक का डेथ सर्टिफिकेट, जिन लोगों को पेंशन की रकम मिलनी है, उनकी आधार कार्ड की कॉपी, अकाउंट डीटेल्‍स, कैंसिल चेक या बेनिफिशियरी के बैंक पासबुक की अटेस्टेड कॉपी की जरूरत होती है. अगर बेनिफिशयरी नाबालिग है तो उसका आयु प्रमाण पत्र भी देना होगा. 

कितनी मिलती है पेंशन 

इस पेंशन में विधवा पेंशन, बाल पेंशन और अनाथ पेंशन शामिल होती है. विधवा पेंशन के तहत न्‍यूनतम 1000 रुपए और अधिकतम 6,200 रुपए तक मिल सकते हैं. बाल पेंशन उस स्थिति में दी जाती है, जब बच्‍चों की उम्र 25 साल से कम हो. इस स्थिति में विधवा पेंशन का 25 फीसदी भुगतान किया जाता है. एक बार में दो बच्‍चों को ये सुविधा दी जा सकती है. अगर बच्‍चे अनाथ हैं तो उस स्थि‍ति में बच्‍चों को पेंशन का 75 फीसदी हिस्‍सा 25 साल की आयु होने तक मिलता है. अगर संतान शारीरिक रूप से अक्षम है तो उसे 75 फीसदी पेंशन ताउम्र दी जाती है.

इस रकम के लिए भी कर सकते हैं क्‍लेम

नौकरी करने के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर कर्मचारी भविष्‍य निधि मेंबर के नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी या पारिवारिक सदस्‍य इंश्‍योरेंस की राशि के लिए भी क्‍लेम कर सकते हैं. इस स्थिति में कर्मचारी के परिवार को एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (Employees Deposit Linked Insurance) स्‍कीम के तहत ढाई लाख से लेकर मैक्सिमम 7 लाख रुपए तक का इंश्‍योरेंस बेनिफिट दिया जाता है. ये स्‍कीम ईपीएफओ की तरफ से चलाई जाने वाली एक बीमा योजना है, जो ईपीएफओ में रजिस्‍टर्ड हर कर्मचारी के लिए चलाई जाती है. अगर ईपीएफओ मेंबर लगातार 12 महीनों से नौकरी करता आ रहा है तो कर्मचारी की मृत्‍यु के बाद नॉमिनी को कम से कम 2.5 लाख तक का लाभ मिलेगा.