EPF Calculator: प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाले लोगों के लिए प्रोविडेंट फंड अकाउंट एक रिटायरमेंट सेविंग प्लान है. EPF अकाउंट एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों का बेसिक (Basic Salary) और डियरनेस अलाउंस (Dearness Allowance) मिलाकर 24 फीसदी (12+12) हिस्सा डिपॉजिट होता है. हर साल EPF अकाउंट में जमा राशि पर सरकार ब्याज देती है. इसकी समीक्षा सालाना आधार पर EPFO का सेंट्रल बोर्ड करता है. फिलहाल, EPF जमा राशि पर 8.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. रिटायरमेंट तक अगर आप विड्रॉल नहीं करते तो आपको बड़ा कॉरपस तैयार करने से कोई नहीं रोक सकता है. साथ ही कम्पाउंडिंग ब्याज का जादू ऐसा चलता है कि 58 की उम्र तक निवेश पर आप करोड़पति बन सकते हैं. समझिए कैसे...

ब्याज पर मिलता है डबल फायदा

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आमतौर पर खाताधारक यह मानते हैं कि प्रोविडेंट फंड में जमा होने वाले पूरे पैसे पर ब्याज मिलता है. लेकिन, ऐसा नहीं होता. EPF अकाउंट में जो राशि पेंशन फंड में जाती है, उस पर कोई ब्याज नहीं मिलता. हर महीने की सैलरी स्लिप में देख सकते हैं कि आपकी बेसिक सैलरी और DA कितना है. हर कर्मचारी की Basic Salary+ DA का 12 फीसदी EPF अकाउंट में जाता है. कंपनी भी बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी कंट्रीब्‍यूट करती है. दोनों फंड को मिलाकर जो पैसा इकट्ठा होता है उस पर ब्याज मिलता है. लेकिन, इसका फायदा ये है कि कंपाउंडिंग ब्याज (Compound Interest) होने से ब्याज भी डबल हो जाता है. मतलब ब्याज पर ब्याज का फायदा मिलता है.

10,000 बेसिक पर मिलेंगे 1.65 करोड़ रुपए

EPF मेंबर की उम्र    25 साल

रिटायरमेंट की उम्र    58 साल

बेसिक सैलरी           10,000 रुपए

इंटरेस्‍ट रेट               8.1%

सैलरी में इजाफा      10% (सालाना)

कुल फंड               1.65 करोड़ रुपए

15,000 Basic Salary पर रिटायरमेंट फंड

EPF मेंबर की उम्र    25 साल

रिटायरमेंट की उम्र    58 साल

बेसिक सैलरी           15000 रुपए

इंटरेस्‍ट रेट               8.1%

सैलरी में इजाफा      10% (सालाना)

कुल फंड                2.59 करोड़ रुपए

EPF पर ब्याज की कैलकुलेशन

EPF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे (मंथली रनिंग बैलेंस) पर ब्याज कैलकुलेट होता है. लेकिन, इसे साल के आखिर में जमा किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है.

विड्रॉल से ब्याज में होता है नुकसान

अगर चालू वित्त वर्ष के दौरान कोई राशि निकाली जाती है तो ब्याज की रकम (EPF Interest calculation) साल की शुरुआत से लेकर निकासी के तुरंत पहले वाले महीने की ली जाती है. साल का क्लोजिंग बैलेंस (PF Balance) उसका ओपनिंग बैलेंस होगा+कंट्रीब्यूशन-निकासी (यदि कोई है)+ब्याज.

ऐसे समझिए

बेसिक सैलरी+ डियरनेस अलाउंस (DA) = ₹30,000

कर्मचारी कंट्रीब्यूशन EPF = 12% of ₹30,000 = ₹3,600

एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPS (subject to limit of 1,250) = ₹1,250

एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPF = (₹3,600-₹1,250) = ₹2,350

कुल मासिक EPF कंट्रीब्यूशन = ₹3,600 + ₹2350 = ₹5,950

एक अप्रैल 2022 तक PF में कंट्रीब्यूशन

अप्रैल में कुल EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950

EPF पर अप्रैल में ब्याज= Nil (पहले महीने में कोई ब्याज नहीं)

अप्रैल के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹5,950

मई में EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950

मई के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹11,900

हर महीने के हिसाब से ब्याज की गणना (EPF Interest calculation)= 8.10%/12 = 0.00675%

मई के EPF पर ब्याज की गणना= ₹11,900*0.00675%= 80.32 रुपए

क्या है प्रोविडेंट फंड पर ब्याज का फॉर्मूला

किसी भी वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर सरकार की तरफ से नोटिफाई की जाती है. चालू वित वर्ष खत्म होने पर ब्याज का कैलकुलेशन (EPF Interest calculation) किया जाता है. साल के हर महीने की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि को जोड़कर उस राशि को तय ब्याज दर को भागकर 1200 से गुनाकर ब्याज राशि निकाली जाती है.

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