EPFO: अगर आप विदेश में काम कर रहे हैं तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO की एक सुविधा के बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए. ये सुविधा सोशल सिक्योरिटी एग्रीमेंट (Social Security Agreement) है. इसके तहत विदेश में काम करने वाले लाखों और करोड़ों भारतीयों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. मौजूदा समय में दुनिया भर में छंटनी का दौर है. देश और दुनिया में कई कंपनियां अपने कॉस्ट को कम करने के लिए लेऑफ (Layoffs) कर रही हैं. ऐसे में कई बार भारतीय कर्मचारी भी इसके शिकार हो रहे हैं और उन्हें भी निकाला जा रहा है. अगर आपके या आपके जानने वाले के साथ ऐसा कुछ हुआ है तो आपको EPFO की सोशल सिक्योरिटी एग्रीमेंट सुविधा की जानकारी जरूर होनी चाहिए. 

ट्वीट कर ईपीएफओ ने दी जानकारी

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EPFO यानी कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) पर एक ट्वीट कर सोशल सिक्योरिटी एग्रीमेंट के बारे में जानकारी दी. ईपीएफओ ने इंटरनेशनल श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा समझौते (social security agreement for international workers) के तहत आने वाले प्रावधानों के बारे में जानकारी दी. 

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SSA के तहत मिलते हैं ये फायदे

  • सोशल सिक्योरिटी एग्रीमेंट (SSA) में देश से मेजबान देश (Host Country) के साथ IW के लिए स्वास्थय उपचार की समानता मिलेगी. 
  • ऐसे देश में काम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी, जो अपने देश देश के साथ सामाजिक सुरक्षा एग्रीमेंट पर साइन किया है, उन्हें मेजबान देश में सामाजिक सुरक्षा प्रणाली में योगदान करने की जरूरत नहीं है. 
  • इसमें अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी के लिए स्वदेश के क्षेत्र में रहने का विकल्प लाभार्थी के साथ-साथ किसी तीसरे देश में रहने का विकल्प चुनने वाले लाभार्थी के लिए बिना किसी कटौती के सीधे पेंशन लाभ के भुगतान का प्रावधान होगा. 
  • पेंशन के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए SSA देश में दी गई सेवा को भारत में दी गई सेवा से जोड़ा जा सकता है. 

क्या है सोशल सिक्योरिटी समझौता?

बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO ने 19 देशों के साथ मिलकर एक सामाजिक सुरक्षा समझौता (SSA) किया है. इन देशों में बेल्जियम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, फ्रांस, लक्समबर्ग, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों के नाम शामिल है. यह सामाजिक सुरक्षा समझौता भारत और दूसरे देश के बीच एक द्विपक्षीय समझौता है. 

इस समझौते के तहत दूसरे देश में तैनात श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा कवरेज की निरंतरता सुनिश्चित करनी है. ये एक ऐसा समझौता है, जो सीमा पर काम कर रहे लोगों के हितों को सिक्योर करता है.