प्राइवेट सेक्‍टर में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और DA का 12% हिस्‍सा हर महीने PF अकाउंट में चला जाता है. इसमें से कर्मचारी की सैलेरी से कटा हिस्सा EPF में जाता है, जबकि नियोक्ता कंपनी का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और 3.67% हर महीने EPF योगदान में जाता है. ईपीएफओ नियमों के मुताबिक प्राइवेट सेक्‍टर में 10 साल तक जॉब करने के बाद कर्मचारी पेंशन पाने का हकदार हो जाता है. लेकिन ये पेंशन उसे 58 साल की उम्र के बाद मिलना शुरू होती है.

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ईपीएफओ से पेंशन के हकदार कर्मचारियों को पीपीओ (Pension Payment Order-PPO) नंबर जारी किया जाता है. ये नंबर 12 अंकों का होता है. ये नंबर रेफरेंस नंबर के रूप में काम करता है. अगर आप अपने पेंशन स्‍टेटस का पता लगाना चाहते हैं तो इस नंबर के जरिए आसानी से लगा सकते है. यहां जानिए इसका पूरा प्रोसेस.

ऐसे चेक करें पेंशन स्‍टेटस

  • अगर आप अपने पेंशन स्टेटस चेक करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले ईपीएफओ की ऑफिशियल वेबसाइट www.epfindia.gov.in पर जाना होगा. 
  • यहां Home Page पर जाकर Online Services में आपको 'Pensioners' Portal' पर जाएं. यहां आपको लेफ्ट साइट में  Know Your Pension Status ऑप्शन दिखाई देगा. इस ऑप्‍शन पर क्लिक करें.
  • इसके बाद Issued Office के ऑप्शन को चुनकर अपना ऑफिस चुनें. फिर अपना ऑफिस आईडी और PPO नंबर को दर्ज कर दें.
  • आखिरी में Get Status पर क्लिक करके अपने ऑप्शन को चुन लें. इसके बाद आपको आपका पेंशन स्‍टेटस पता चल जाएगा. 

क्‍यों जरूरी है पीपीओ नंबर

अगर आप पीएफ खाते को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कराना चाहते हैं तो आपको इसके लिए  PPO नंबर की जरूरत पड़ती है. ऐसे में कोशिश करें कि आपकी पासबुक में पेंशन पेमेंट ऑर्डर नंबर दर्ज हो. पासबुक में ये नंबर दर्ज न होने पर परेशानी हो सकती है. इसके अलावा अगर आप पेंशन से जुड़ी कोई कंप्लेंट करना चाहते हैं तो PPO नंबर देना जरूरी होता है. वहीं ऑनलाइन पेंशन को ट्रैक करने यानी ऑनलाइन पेंशन स्टेटस जानने के लिए भी पीपीओ नंबर की जरूरत होती है.