EPFO ने बढ़ाई ये आखिरी तारीख, जानिए किन कर्मचारियों को होगा फायदा, कहीं आप भी तो शामिल नहीं हैं इनमें?
ईपीएफओ (EPFO) की तरफ से यूएएन (UAN) को एंप्लॉई लिंक्ड इंसेंटिव यानी ईएलआई (ELI) से लिंक करने की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया गया है. अभी तक यह तारीख 30 नवंबर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 दिसंबर तक दिया गया है.
ईपीएफओ (EPFO) की तरफ से यूएएन (UAN) को एंप्लॉई लिंक्ड इंसेंटिव यानी ईएलआई (ELI) से लिंक करने की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया गया है. अभी तक यह तारीख 30 नवंबर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 दिसंबर तक दिया गया है. इसे लेकर ईपीएफओ की तरफ से सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट की गई, जिसमें ईपीएफओ मेंबर्स को इसकी जानकारी दी. सरकार की तरफ से ना सिर्फ यह डेडलाइन बढ़ाई गई है, बल्कि आधार को बैंक अकाउंट के साथ लिंक करने की आखिरी तारीख को भी बढ़ा दिया गया है.
ईपीएफओ ने एक्स पोस्ट में लिखा- 'प्रिय एंप्लॉयर्स, यूएएन एक्टिवेशन और बैंक खाते में आधार सीडिंग की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दिया गया है. जिन भी कर्मचारियों ने मौजूदा वित्त वर्ष में ज्वाइन किया है, उनके लिए इसे सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें एंप्लायमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का फायदा मिल सके.'
बता दें कि पहले से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि ईपीएफ की तरफ से नए कर्मचारियों के लिए इस सीमा को बढ़ाया जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार की तरफ से अभी तक ELI Scheme की डीटेल्स की घोषणा नहीं की गई है. हुआ भी वैसा ही और ईपीएफओ ने आखिरी तारीख को 15 दिन बढ़ा दिया है.
क्या है एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम?
एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) स्कीम एक सरकारी योजना है, जिसका मकसद युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहन देना है. इस योजना के तहत सरकार की तरफ से कंपनियों और संस्थानों को नए कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए वित्तीय लाभ दिया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य बेरोजगारी को कम करना और श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना है.
इस योजना में, सरकार नियोक्ताओं को कुछ वित्तीय इंसेंटिव देती है अगर वह नए कर्मचारियों को काम पर रखते हैं. यह इंसेंटिव कई रूपों में हो सकता है जैसे कि टैक्स में छूट, वेतन सहायता, या ट्रेनिंग के लिए पैसे.
योजना का फायदा उन लोगों को होता है जो नौकरी की तलाश में हैं, खासकर वह युवा जो पहली बार काम की शुरुआत कर रहे हैं. इसके जरिए कंपनियों को भी नए और योग्य कर्मचारियों को भर्ती करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है. इस योजना का मकसद आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और कामकाजी युवा शक्ति को सक्षम बनाना है, ताकि वह देश की विकास प्रक्रिया में योगदान कर सकें.