रिटायरमेंट फंड्स (Retirement Funds) का मैनेजमेंट करने वाले सिस्टम ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation) ने अपने रीजनल ऑफिस से सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर, 2022 के उस आदेश को लागू करने के आदेश दिए हैं, जिसमें योग्य सब्सक्राइबर्स को ज्यादा पेंशन का ऑप्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 29 दिसंबर को जारी सर्कुलर में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करने का आदेश दिया है. रीजनल ऑफिसों को सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर, 2022 के फैसले के पैरा 44 (9) में निहित निर्देशों’ को निर्धारित समय सीमा के भीतर लागू करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही क्षेत्रीय कार्यालयों को ईपीएफओ द्वारा लिए गए फैसले का पर्याप्त प्रचार भी करना होगा.

पेंशन योग्य सैलरी लिमिट में हुई थी बढ़ोतरी

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इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को बरकरार रखा था. ईपीएस संशोधन (अगस्त 2014) ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति महीने कर दिया था. इसके अलावा सदस्यों को उनके एम्प्लॉयर्स के साथ ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन (यदि यह सीमा से ज्यादा हो) पर 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी थी. इसमें सभी ईपीएस सदस्यों को संशोधित योजना का विकल्प चुनने के लिए 6 महीने का समय दिया गया था. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में पात्र सब्सक्राइबर्स को ईपीएस-95 के तहत ज्यादा पेंशन का ऑप्शन चुनने के लिए 4 महीने का और समय दिया था.

कब निकाला जा सकता है पीएफ खाते में जमा पैसा

रिटायरमेंट के बाद आप अपने पीएफ अकाउंट में जमा पैसे कभी भी निकाल सकते हैं. इसके अलावा, नौकरी छोड़ने के 2 महीने बाद भी आप अपने ईपीएफ के पूरे पैसे निकाल सकते हैं. अगर आपकी नौकरी छूट गई है और आप 2 महीने से बेरोजगार हैं तो ऐसी परिस्थितियों में भी आप पीएफ का पूरा पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि, नौकरी करते हुए अगर आप पीएफ की आंशिक निकासी करना चाहते हैं तो आपको कुछ रूल्स को फॉलो करना होता है. एप्लिकेशन के 3 से 7 दिन (Working Days) के भीतर पीएफ खाते में जमा पैसे मिल जाते हैं.

भाषा इनपुट्स के साथ