EPF: ₹12,000 बेसिक सैलरी, उम्र 25 साल; रिटायरमेंट पर कितना मिलेगा फंड; समझें कैलकुलेशन
EPF Calculation: सरकार की ओर से हर साल EPF की ब्याज दरें तय की जाती हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए EPF की ब्याज दरें 8.25 फीसदी सालाना तय की गई हैं.
EPF Calculation: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि फंड (EPF) एक रिटायरमेंट स्कीम है. इसका फायदा संगठित क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इसे मैनेज करता है. EPF अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता (कंपनी) दोनों योगदान करते हैं. यह कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी प्लस महंगाई भत्ता (DA) का 12-12 फीसदी होता है. सरकार की ओर से हर साल EPF की ब्याज दरें तय की जाती हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए EPF की ब्याज दरें 8.25 फीसदी सालाना तय की गई हैं.
₹12,000 सैलरी पर रिटायरमेंट फंड
EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है. मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी (+DA) मिलाकर 12,000 रुपये है. आपकी उम्र 25 साल है, तो रिटायरमेंट तक यानी 60 साल की उम्र तक आपके पास करीब 87 करोड़ रुपये रिटायरमेंट फंड तैयार हो सकता है. इस फंड का कैलकुलेशन 8.25 फीसदी सालाना ब्याज दर और औसत 5 फीसदी सालाना सैलरी इंक्रीमेंट पर है. ब्याज दरें और सैलरी इंक्रीमेंट बदलने पर आंकड़े बदल सकते हैं.
EPF कैलकुलेशन समझिए
बेसिक सैलरी+DA= 12,000 रुपये
मौजूदा उम्र= 25 साल
रिटारमेंट उम्र= 60 साल
इम्प्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन= 12 फीसदी
एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन= 3.67 फीसदी
EPF पर ब्याज दर= 8.25 फीसदी सालाना
सालाना औसत सैलरी ग्रोथ= 5 फीसदी
इस तरह रिटायरमेंट पर मैच्योरिटी फंड= 86,90,310 रुपये (इसमें कुल कंट्रीब्यूशन 21,62,568 है. जबकि ब्याज से 65,27,742 रुपये है.)
EPF में एम्प्लॉयर का 3.67% कंट्रीब्यूशन
EPF अकाउंट में इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी (+DA) का 12 फीसदी जमा होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर की 12 फीसदी की रकम दो हिस्सों में जमा होती है. एम्प्लॉयर के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी रकम इम्प्लॉई पेंशन अकाउंट में जमा होती है और शेष 3.67 फीसदी रकम ही ईपीएफ अकाउंट में जाती है. बता दें, जिन इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से कम है उनके लिए इस स्कीम से जुड़ना अनिवार्य है.
(नोट: EPF कॉपर्स को लेकर उपरोक्त आंकड़ा एक गणना है. यह वास्तविक आंकड़े नहीं हैं. कर्मचारियों की सैलरी, उम्र, ब्याज दर और सालाना सैलरी इंक्रीमेंट के आधार पर इसमें बदलाव हो सकता है.)