EPF से तगड़ा पैसा जोड़ने का ये है सॉलिड जुगाड़, रिटायरमेंट फंड भी बढ़ेगा और ये फायदे भी मिलेंगे
प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने उनके EPF अकाउंट में जमा होता है और इतना ही कंपनी की ओर से भी जमा किया जाता है. लेकिन ईपीएफ में अगर कोई कर्मचारी अपना योगदान बढ़ाना चाहे तो क्या उसके लिए कोई विकल्प है? यहां जानिए-
प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने उनके EPF अकाउंट में जमा होता है और इतना ही कंपनी की ओर से भी जमा किया जाता है. EPF में जमा रकम पर कर्मचारियों को अच्छा खासा ब्याज दिया जाता है. मौजूदा समय में 8.25 फीसदी के हिसाब से ब्याज दिया जा रहा है. ऐसे में लंबे समय तक दिए गए इस योगदान से अच्छा खासा रिटायरमेंट फंड तैयार होने में मदद मिलती है. लेकिन ईपीएफ में अगर कोई कर्मचारी अपना योगदान बढ़ाना चाहे तो क्या उसके लिए कोई विकल्प है? आइए आपको बताते हैं वो तरीका जिससे आप PF फंड में अपना योगदान आसानी से बढ़ा सकते हैं और बेहतर ब्याज दरों का फायदा लेकर तगड़ा पैसा जोड़ सकते हैं.
ऐसे बढ़ेगा पीएफ में योगदान
EPF में 12 फीसदी से ज्यादा योगदान अगर आप करना चाहते हैं तो वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund - VPF) के जरिए आप ऐसा कर सकते हैं. VPF में सैलरी कटाने की कोई सीमा तय नहीं होती. कर्मचारी चाहे तो बेसिक सैलरी का 100 फीसदी तक योगदान भी कर सकता है. VPF पर सरकार आपको EPF अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के बराबर ही ब्याज देती है. ऐसे में तगड़े रिटर्न के साथ वीपीएफ के जरिए आप मोटी राशि इकट्ठी कर सकते हैं.
VPF से मिलेंगे ये भी फायदे
- सरकारी स्कीम होने के नाते इसें आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है. मौजूदा समय में EPF का ब्याज 8.25% है, ये ब्याज बैंक FD, PPF और अन्य तमाम सरकारी स्कीम्स की तुलना में काफी बेहतर है. ऐसे में अगर आप अपना योगदान PF में बढ़ाते हैं तो रिटायरमेंट तक आप अच्छा खासा पैसा जोड़ लेंगे.
- वीपीएफ के ब्याज और निकासी की रकम टैक्स फ्री होती है. इसलिए इसे Exempt-Exempt-Exempt (E-E-E) श्रेणी का निवेश माना जाता है. वीपीएफ में आपको आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता है. इस फंड में आप एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपए तक की टैक्स छूट के लिए दावा कर सकते हैं.
- वीपीएफ अकाउंट को भी ईपीएफ की तरह से ट्रांसफर किया जा सकता है. लेकिन एक बार VPF का विकल्प चुनने के बाद, कम से कम 5 साल तक उसमें पैसा जमा करना अनिवार्य है.
- वीपीएफ का लॉक इन पीरियड 5 साल का है. 5 साल की नौकरी पूरी होने के बाद किए जाने वाले विड्रॉल पर कोई टैक्स नहीं कटता है. हालांकि इससे पहले VPF निकालने पर, आपको उस पर अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.
कैसे करें निवेश
अगर आप भी वीपीएफ में निवेश करने में रुचि रखते हैं तो आपको अपनी कंपनी के HR से मिलकर उसे ये बताना होगा कि आप पीएफ में अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं. HR की मदद से आप अपना वीपीएफ अकाउंट भी ईपीएफ के साथ-साथ खोल सकते हैं. आपको अपनी सैलरी का कितना योगदान बढ़ाना है, इसके बारे में आपको एक फॉर्म भरकर HR को देना होगा. इसके बाद EPF Account के साथ आपके VPF अकाउंट की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इस प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप वीपीएफ में अपनी Salary से पैसा कटवाना चालू कर सकते हैं.
निकासी के नियम
वीपीएफ फंड की निकासी के लिए भी वही नियम हैं जो ईपीएफ फंड के लिए बनाए गए हैं. वीपीएफ फंड की पूरी रकम की निकासी आप रिटायरमेंट के बाद ही कर सकते हैं. 5 साल बाद जब इसका लॉक इन पीरियड खत्म होता है, तब आप इससे आंशिक धनराशि निकाल सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन क्लेम किया जा सकता है.