EPFO: रिटायरमेंट के बाद एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना जरूरी है. कर्मचारी भविष्य निधि यानि कि EPF इसका एक बेहतरीन जरिया है. EPF या PF में निवेश करने से कई लाभ हैं. रिटायरमेंट के लिए लोग कई तरह के निवेश करते हैं लेकिन EPFO में निवेश एक बेहद सुरक्षित और फायदेमंद इन्वेस्टमेंट है. इसमें सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभ मिलता है. पीएफ निकालने पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन कुछ स्थितियों में टैक्स लग सकता है. जैसे कि 5 साल से पहले अकाउंट से पैसा निकालने पर इनकम टैक्स चुकाना होता है. 

PF से पैसा निकालने पर कितना टैक्स

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PF यूं तो एक सेविंग अकाउंट की तरह है, जरूरत पड़ने पर आप यहां से पैसा निकाल सकते हैं. लेकिन यह कुछ मामलों में सेविंग अकाउंट से अलग है, क्योंकि यहां से पैसा निकालने के कुछ नियम हैं. अगर 5 साल की सर्विस से पहले यहां से पैसा निकालते हैं, तो आपको मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.

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क्या हैं टैक्स को लेकर नियम?

PF सब्सक्राइबर को अगर सर्विस करते हुए 5 साल पूरे हो गए हैं और अब वह पैसे निकालते हैं, तो इस पर इनकम टैक्स की कोई लायबिलिटी नहीं बनती. जरूरी नहीं है कि यह 5 साल की अवधि एक ही कंपनी में पूरी हुई हो, अलग-अलग कंपनी को मिला कर भी यह अवधि हो सकती है. लेकिन 5 साल की ड्यूरेशन पूरी होना जरूरी है. अगर 5 साल से पहले आप पैसा निकलते हैं, तो इस पर 10% TDS लगता है. अगर 50 हजार या इससे ज्यादा अमाउंट है और अवधि 5 साल से कम है तो फॉर्म 15G या फिर 15H जमा करके टीडीएस बचाया जा सकता है. पैन कार्ड मौजूद न होने की कंडीशन में भी 30% तक टीडीएस कटता है.

इन कंडीशन में निकल सकते हैं पैसा

एक PF सब्सक्राइबर अपने या परिवार के इलाज के लिए कभी भी पूरा पैसा निकाल सकता है. इसके अलावा एजुकेशन के लिए होम लोन भुगतान के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है. शादी के लिए यह लिमिट 50% रखी गई है.