EPFO से पेंशन पाने वाले लाखों लोगों के लिए बड़ी खबर है. दरअसल मई 2020 से उन्‍हें फुल पेंशन मिलने लगेगी. यह फायदा उन लाखों पेंशनरों को होगा जो सितंबर 2008 से पहले रिटायर हुए हैं और Pension Commutation का ऑप्‍शन चुना था. 

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पेंशन कमुटेशन के तहत पेंशनर को रिटायरमेंट पर अपने पेंशन फंड से एडवांस लेने की छूट मिलती है. हालांकि इस व्‍यवस्‍था को बीच में खत्‍म कर दिया गया था और फरवरी 2020 से दोबारा चालू किया गया है. EPFO ने इस स्‍कीम को दोबारा शुरू करते हुए कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2020 नाम दिया है. EPFO बोर्ड ने अगस्‍त 2019 में इस नियम में बदलाव को मंजूरी दी थी. इस सुविधा से 6.3 लाख EPS पेंशनर को सीधा लाभ होगा, जो 2008 के पहले रिटायर हो चुके हैं.  

EPS पेंशनर इस सुविधा के तहत 15 साल की पेंशन का एक तिहाई हिस्सा रिटायरमेंट के बाद एडवांस के रूप में निकाल सकते हैं. यह पैसा उन्‍हें एकमुश्त दिया जाएगा.

मंथली पेंशन : 3000 रुपए 

33% पेंशन एडवांस : 990 रुपए 

15 साल के लिए एडवांस = 990x12x15=178200 रुपए (Pensioner को यह रकम एकमुश्‍त मिलेगी) 

15 साल बाद पेंशन = फिर 3000 रुपए  

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इसके अलावा EPFO ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहा है, जिसमें व्यक्ति को रिटायरमेंट के दिन ही PF मिल जाएगा और पेंशन भी तुरंत बनेगी. PF के अधिकतम लाभ के लिए UAN को आधार (Aadhaar) के साथ जोड़ने की जरूरत है. EPFO नियोक्ताओं द्वारा Compliance की निगरानी के लिए e-inspection प्रणाली की शुरुआत करेगा.  

DA एक्‍सपर्ट हरीशंकर तिवारी के मुताबिक EPFO की एक समिति ने आंशिक निकासी के 15 साल बाद फुल पेंशन बहाल करने को लेकर EPFC-95 में संशोधन की सिफारिश की थी. पेंशन कमुटेशन को बहाल करने की मांग थी. इसे 15 साल बाद बहाल किया गया है. यह सुविधा सरकारी कर्मचारियों के लिये पहले से चली आ रही है. अब इसका फायदा प्राइवेट कर्मचारियों को भी मिलेगा.