EPFO सदस्‍यों के लिए अच्‍छी खबर है. लेबर मिनिस्‍ट्री ने EPFO के 6 करोड़ से ज्‍यादा सदस्‍यों की मिनिमम पेंशन को रिवाइज करने पर विचार शुरू कर दिया है. हालांकि अब इसका जिम्‍मा फाइनेंस मिनिस्‍ट्री को सौंपा गया है. सूत्रों ने बताया कि फाइनेंस मिनिस्‍ट्री मिनिमम पेंशन बढ़ाने के साथ यूनिवर्सल पेंशन शुरू करने का प्रस्‍ताव करेगी. इसके बाद इसे EPFO के ट्रस्‍ट को भेजा जाएगा, जो इस पर अंतिम फैसला लेगा. अभी मिनिमम पेंशन 1000 रुपए है, जिसे 2000 रुपए किए जाने की EPFO सदस्‍य डिमांड कर रहे हैं.

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बता दें कि बुधवार को ही ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत आने वाले पेंशनभोगियों ने मासिक पेंशन बढ़ाकर न्यूनतम 7,500 रुपये करने समेत अन्य मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (रिटायर) ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी मांगों को गौर से सुना और उन पर समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया. 

पेंशनभोगी मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक के साथ महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने और EPS 95 के दायरे में नहीं आने वाले रिटायर कर्मचारियों को भी 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग कर रहे हैं. 

कमांडर राउत ने दावा किया कि कर्मचारियों के ईपीएस मद में 30 साल की नौकरी में 20-20 लाख रुपये तक जमा होने के बावजूद अधिकतम मासिक पेंशन 2,500 रुपये तक ही मिल रही है. इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर-बसर करना कठिन है. 

राउत ने कहा कि वहीं असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को पेंशन देने की योजना प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में 30 साल का व्यक्ति 100 रुपये (105 रुपये) का योगदान देकर 60 साल से 3,000 रुपये मासिक पेंशन ले सकता है. 

EPS 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (15,000 रुपये की सीमा) का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है.