EPF, PPF और GPF में क्या है अंतर? किस पर कितना मिल रहा है ब्याज, यहां जानिए सबकुछ
EPF Vs PPF Vs GPF interest rate: प्रोविडेंट फंड तीन तरह के होते हैं. पहला कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंड फंड (GPF!). हर महीने तय रकम इन खातों में जमा होती है.
EPF Vs PPF Vs GPF interest rate: जनरल प्रोविडेंट फंड केंद्रीय कर्मचारियों के लिए होता है. हाल ही में सरकार ने इसकी ब्याज दरें तय की हैं. ह
प्रोविडेंट फंड एक रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement plan) है. सरकारी कर्मचारियों से लेकर ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के प्राइवेट कर्मचारियों के लिए अलग-अलग प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) होते हैं. लंबे समय के निवेश के लिए यह सबसे बेहतरीन इंस्ट्रूमेंट्स हैं. प्रोविडेंट फंड 3 तरह के होते हैं.
पहला कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund), सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund) और जनरल प्रोविडेंड फंड (General Provident Fund). हर महीने एक तय रकम इन खातों में जमा की जाती है. आइए समझते हैं कि तीनों प्रोविडेंट फंड्स (Provident funds account difference) में क्या अंतर होता है और किस पर कितना ब्याज मिल रहा है.
Employees Provident Fund (EPF)
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में उन कंपनियों को शामिल किया जाता है, जहां 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. मतलब, EPF नौकरीपेशा लोगों के लिए है. इसमें प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी शामिल हैं. इसका रेगुलेटर EPFO है. हर कर्मचारीका अपना प्रोविडेंट फंड खाता होता है. इसमें सैलरी से 12 फीसदी हिस्सा जमा होता है. नियोक्ता (Employer) की तरफ से भी खाते में 12 फीसदी हिस्सा जमा किया जाता है. EPF पर फिलहाल 8.50 फीसदी ब्याज मिल रहा है. हालांकि, इसे अभी तक नोटिफाई नहीं किया गया है. EPF पर ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है.
Public Provident Fund (PPF)
PPF सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम है. यह स्कीम आम पब्लिक के लिए है. इसमें खाता खुलवाकर कोई भी पैसा जमा कर सकता है. यह एक तरह का सेविंग फंड है. PPF खाता आप किसी भी डाकघर या बैंकों में खुलवा सकते हैं. PPF खाते में आपको हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करवाने होते हैं. इस खाते में जमा की गई रकम पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आयकर में कटौती का लाभ मिलता है. जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए इस पर 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा. PPF पर ब्याज की गणना तिमाही आधार पर होती है.
General Provident Fund (GPF)
जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) अकाउंट सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है. यह एक तरह की रिटायरमेंट फंड है. इसकी पूरी रकम कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मिलती है. सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का 15 फीसदी तक GPF खाते में योगदान कर सकते हैं. इस खाते का 'एडवांस' फीचर सबसे खास है. इसमें कर्मचारी जरूरत पड़ने पर GPF खाते से तय रकम निकाल सकता है और बाद में उसे जमा कर सकता है. इस पर कोई टैक्स भी नहीं लगता. सरकार ने GPF की ब्याज दर 1 जुलाई 2021 से लेकर 30 सितंबर 2021 की तिमाही के लिए 7.1 प्रतिश कर दिया गया है. इस स्कीम में भी तिमाही आधार पर ब्याज तय होता है.
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