EPF, PPF और GPF अकाउंट में होता है अंतर, यहां जानें कितना मिल रहा है ब्याज
Difference between EPF, PPF and GPF: कर्मचारी भविष्य निधि, सार्वजनिक भविष्य निधि औऱ जनरल प्रोविडेंड फंड जैसे कुछ खास और पॉपुलर साधन हैं जिसमें हर महीने तय रकम जमा की जा सकती है.
Difference between EPF, PPF and GPF: लंबे समय के लिए पैसा निवेश करने के कई साधन हैं. इसमें कर्मचारी भविष्य निधि, सार्वजनिक भविष्य निधि औऱ जनरल प्रोविडेंड फंड जैसे कुछ खास और पॉपुलर साधन हैं जिसमें हर महीने तय रकम जमा की जा सकती है. लेकिन एक आम आदमी के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) में फर्क कर पाना मुश्किल होता है. दरअसल, तीनों अलग-अलग हैं. आइए हम यहां इसे समझने की कोशिश करते हैं.
कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPF
जिन कंपनियों में 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं उन्हें इस स्कीम में शामिल किया जाता है. मतलब, EPF नौकरीपेशा लोगों के लिए खोला जाता है. इसमें आपके वेतन का एक निश्चित हिस्सा नियोक्ता की तरफ से इस खाते में डाला जाता है. इस खाते का रेगुलेशन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) करता है. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.65 फीसदी का ब्याज मिलना है.
सार्वजनिक भविष्य निधि यानी PPF
PPF सरकार की एक लघु बचत योजना है. PPF खाता आप किसी भी डाकघर या चुनिंदा बैंकों में खुलवा सकते हैं. PPF खाते में आपको हर साल कम से कम 500 रुपये जमा करवाने होंगे. इस खाते में जमा की गई रकम पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आयकर में कटौती का लाभ मिलता है. अप्रैल से जून तिमाही 2020-21 के लिए इस पर आपको 7.10 फीसदी ब्याज मिलेगा.
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जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF
GPF अकाउंट एक प्रकार का प्रोविडेंट फंड है. फिलहाल इसमें केवल सरकारी कर्मचारी ही पैसे जमा कर सकते हैं. यानी यह प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए नहीं है. अच्छी बात यह है कि इसमें जमा पैसा रिटायरमेंट के वक्त सरकारी कर्मचारी को मिल जाता है. तो वहीं यदि कर्मचारी चाहे तो बीच में भी इस पैसे को जरुरत के समय निकाल सकता है. सरकार ने GPF की ब्याज दर 1 अप्रैल 2020 से लेकर 30 जून 2020 की तिमाही के लिए 7.1 प्रतिश कर दिया गया है.