EPF Crorepati Calculator: प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाले लोगों के लिए प्रोविडेंट फंड अकाउंट (Provident Fund Account) अच्छा रिटायरमेंट सेविंग ऑप्शन है. EPFO करोड़ों अकाउंट होल्डर्स के खातों को मैनेज करता है. इन अकाउंट्स में एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों का बेसिक (Basic Salary) और डियरनेस अलाउंस (Dearness Allowance) मिलाकर 24 फीसदी (12+12) हिस्सा डिपॉजिट होता है. हर साल इस EPF अकाउंट में जमा राशि पर सरकार ब्याज तय करती है. फिलहाल, ब्याज 8.5 फीसदी है. रिटायरमेंट के लिए इससे बड़ा कॉरपस तैयार होता है. साथ ही कम्पाउंडिंग ब्याज का जादू ऐसा चलता है कि 25 साल के निवेश पर आप करोड़पति बन सकते हैं. 

पूरे पैसे पर नहीं मिलता ब्याज

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PF अकाउंट का कैलकुलेशन (EPF Crorepati Calculator) कैसे किया जाता है? आमतौर पर खाताधारक यह मानते हैं कि प्रोविडेंट फंड में जमा होने वाले पूरे पैसे पर ब्याज मिलता है. लेकिन, ऐसा नहीं होता. PF अकाउंट में जो राशि पेंशन फंड में जाती है, उस पर कोई ब्याज कैलकुलेट नहीं होता है. हर महीने की सैलरी स्लिप में देख सकते हैं कि आपकी बेसिक सैलरी और DA कितना है. हर कर्मचारी की Basic Salary+ DA का 12 फीसदी EPF अकाउंट में जाता है. कंपनी भी बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी कंट्रीब्‍यूट करती है. दोनों फंड को मिलाकर जो पैसा इकट्ठा होता है उस पर ब्याज मिलता है. ब्याज की समीक्षा हर साल होती है, लेकिन इसका फायदा यह है कि कंपाउंडिंग ब्याज (Compounding Interest) होने से ब्याज में भी डबल फायदा होता है.

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10 हजार बेसिक पर रिटायरमेंट फंड होगा 1.48 करोड़ रुपए

EPF मेंबर की उम्र    25 साल

रिटायरमेंट की उम्र    58 साल

बेसिक सैलरी           10,000 रुपए

इंटरेस्‍ट रेट                8.65%

सैलरी में इजाफा      10% (सालाना)

कुल फंड               1.48 करोड़ रुपए

15,000 Basic Salary पर रिटायरमेंट फंड

EPF मेंबर की उम्र    25 साल

रिटायरमेंट की उम्र    58 साल

बेसिक सैलरी           15000 रुपए

इंटरेस्‍ट रेट                8.65%

सैलरी में इजाफा      10% (सालाना)

कुल फंड                2.32 करोड़ रुपए

ऐसे होती है EPF पर ब्याज की गणना

PF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे यानि मंथली रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की गणना (EPF Crorepati Calculator) की जाती है. लेकिन, इसे साल के आखिर में जमा किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है.

पैसा निकालने से ब्याज का नुकसान

अगर चालू वित्त वर्ष के दौरान कोई राशि निकाली जाती है तो ब्याज की रकम (EPF Interest calculation) साल की शुरुआत से लेकर निकासी के तुरंत पहले वाले महीने की ली जाती है. साल का क्लोजिंग बैलेंस (PF Balance) उसका ओपनिंग बैलेंस होगा+कंट्रीब्यूशन-निकासी (यदि कोई है)+ब्याज.

ऐसे समझिए

बेसिक सैलरी+ डियरनेस अलाउंस (DA) = ₹30,000

कर्मचारी कंट्रीब्यूशन EPF = 12% of ₹30,000 = ₹3,600

एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPS (subject to limit of 1,250) = ₹1,250

एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPF = (₹3,600-₹1,250) = ₹2,350

कुल मासिक EPF कंट्रीब्यूशन = ₹3,600 + ₹2350 = ₹5,950

एक अप्रैल 2020 तक PF में कंट्रीब्यूशन

अप्रैल में कुल EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950

EPF पर अप्रैल में ब्याज= Nil (पहले महीने में कोई ब्याज नहीं)

अप्रैल के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹5,950

मई में EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950

मई के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹11,900

हर महीने के हिसाब से ब्याज की गणना (EPF Interest calculation)= 8.50%/12 = 0.007083%

मई के EPF पर ब्याज की गणना= ₹11,900*0.007083%= ₹84.29

EPF interest का फॉर्मूला

किसी भी वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर सरकार की तरफ से नोटिफाई की जाती है. चालू वित वर्ष खत्म होने पर ब्याज का कैलकुलेशन (EPF Interest calculation) किया जाता है. साल के हर महीने की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि को जोड़कर उस राशि को तय ब्याज दर को भागकर 1200 से गुनाकर ब्याज राशि निकाली जाती है.