EPF: 10 हजार बेसिक सैलरी और 25 साल है उम्र; रिटायरमेंट पर कितना मिलेगा फंड, समझें कैलकुलेशन
EPF Calculation: प्राइवेट सेक्टर के सैलरीड कर्मचारियों के लिए इम्प्लॉइड प्रोविडेंट फंड (EPF) एक रिटायरमेंट बेनेफिट स्कीम है. इस स्कीम में करोड़ों रुपये का फंड बन सकता है.
EPF Calculation: प्राइवेट सेक्टर के सैलरीड कर्मचारियों के लिए इम्प्लॉइड प्रोविडेंट फंड (EPF) एक रिटायरमेंट बेनेफिट स्कीम है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इसे मैनेज करता है. EPF अकाउंट में इम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों की तरफ से कंट्रीब्यूशन होता है. यह कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी प्लस डियरनेस अलाउंस का 12-12 फीसदी होता है. सरकार की ओर से हर साल EPF की ब्याज दरें तय की जाती हैं. अभी 8.5 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है. इसमें ब्याज की कम्पाउंडिंंग का जबरदस्त फायदा मिलता है.
10 हजार बेसिक सैलरी पर रिटायरमेंट फंड
मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस 10,000 रुपये है. आपकी उम्र 25 साल है, तो रिटायरमेंट तक यानी 58 साल की उम्र तक आपके पास 1.29 करोड़ रुपये रिटायरमेंट फंड तैयार हो सकता है. ईपीएफ स्कीम में मैक्सिमम 58 साल तक ही कंट्रीब्यूशन कर सकते हैं.
EPF कैलकुलेशन समझिए
बेसिक सैलरी+DA= 10,000 रुपये
मौजूदा उम्र= 25 साल
रिटायरमेंट उम्र= 58 साल
इम्प्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन= 12 फीसदी
एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन= 3.76 फीसदी
EPF पर ब्याज दर= 8.5 फीसदी सालाना
सालाना सैलरी ग्रोथ= 10 फीसदी
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड= 1.29 करोड़ (इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन 35.34 लाख और एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन 10.81 लाख रुपये रहा. मतलब कुछ कंट्रीब्यूशन 46.15 लाख रुपये रहा.)
(नोट: कंट्रीब्यूशन के पूरे साल में सालाना ब्याज दर 8.5 फीसदी और सैलरी ग्रोथ 10 फीसदी ली गई है.)
एम्प्लॉयर का पूरा 12% EPF में नहीं जमा होता
ईपीएफ अकाउंट में इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (महंगाई भत्ते) का 12 फीसदी जमा होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर की 12 फीसदी की रकम दो हिस्सों में जमा होती है. एम्प्लॉयर के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी रकम इम्प्लॉई पेंशन अकाउंट में जमा होती है और शेष 3.67 फीसदी रकम ही ईपीएफ अकाउंट में जाती है.
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10,000 सैलरी से समझें कंट्रीब्यूशन
इम्प्लॉई बेसिक सैलरी + डियरनेस अलाउंस= 10,000 रुपये
EPF में इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन= 10,000 रु का 12 फीसदी= 1200 रुपये
EPF में एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन= 10,000 रु का 3.67 फीसदी= 367 रुपये
पेंशन फंड (EPS) में एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन= 10,000 रु का 8.33 फीसदी = 833 रुपये
इस तरह देखें तो पहले साल 10,000 रुपये बेसिक सैलरी वाले इम्प्लॉई के EPF अकाउंट में कुल मंथली कंट्रीब्यूशन 1567 रुपये (1200+367 रुपये) होगा. इसके बाद सालाना आधार पर सैलरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ उसी अनुपात में बेसिक और डियरनेस अलाउंस में इजाफा होगा. जिसके साथ-साथ ईपीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ता जाएगा. जिन इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से कम है उनके लिए इस स्कीम से जुड़ना अनिवार्य है.