कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ने प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) के तहत 15 अगस्त तक 2 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को रजिस्टर्ड करने का टारगेट तय किया है. सीएससी, केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ई-गवर्नेस योजना का ही एक हिस्सा है. पीएम-केएमवाई योजना को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बीते शुक्रवार को शुरू किया था.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीएम-केएमवाई के तहत जरूरतमंद किसानों को 60 साल की आयु होने पर 3,000 रुपये महीना पेंशन दी जाएगी. इस योजना के लिए 2019-20 के बजट में घोषणा की गई थी.

मंत्रालय ने सीएससी को रजिस्ट्रेशन एजेंसी के रूप में किसानों को रजिस्टर्ड करने के काम पर लगाया है.

सीएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश त्यागी के मुताबिक, सभी गांव स्तर के वीएलई से देशभर में कम से कम 100 छोटे व सीमांत किसानों का रजिस्ट्रेशन स्वतंत्रता दिवस तक करने को कहा है. वीएलई देश के गांवों में 2 लाख से ज्यादा सीएससी चलाते हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर कम से कम 2 करोड़ किसानों को रजिस्टर्ड करने के टारगेट को पूरा करने के लिए सभी सीएससी स्वतंत्रता दिवस पर खुले रहेंगे.

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना

पीएम-केएमवाई योजना की शुरुआत 9 अगस्त को की गई थी. इस योजना में किसानों को 60 साल की आयु पूरी करने होने पर 3,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी. किसान की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी को 1,500 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी.

जिस किसान के पास दो हेक्टेयर तक खेती की जमीन है, वे पीएम-केएमवाई योजना के पात्र होंगे.

18 से 40 वर्ष की आयु के किसानों के लिए यह एक पेंशन योजना है. इस योजना को छोटे किसानों के लिए बनाया गया है और इसलिए इसमें जमीन की सीमा है. पीएम-केएमवाई के लिए किसान अपना रजिस्ट्रेशन कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर करवा सकते हैं. यह रजिस्ट्रेशन फ्री होगा.

 

देखें ज़ी बिजनेस लाइव टीवी

60 साल की उम्र तक पेंशन खाते में किसानों को योजना में शामिल होते समय उनकी उम्र के आधार पर 55 से 200 रुपये महीने का योगदान देना होगा. 18 वर्ष की आयु में योजना में शामिल होने वाले किसान को 55 रुपये और 40 की उम्र में योजना में आने वाले किसान को 200 रुपये की मासिक किस्त देनी होगी. उनके योगदान के बराबर ही सरकार भी अपनी ओर से योगदान देगी.

पति-पत्नी भी ले सकते हैं पेंशन

इस योजना में पति या पत्नी अलग-अलग भी 3,000 रुपये की पेंशन लेने के हकदार होंगे, लेकिन उन्हें पेंशन कोष में अलग से योगदान करना होगा. 60 साल की आयु पूरी होने से पहले किसान की मौत होने पर पति अथवा पत्नी योजना को जारी रख सकते हैं. अगर किसान की 60 वर्ष की आयु के बाद मृत्यु हो जाती है, तो पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में 50 फीसदी यानी 1,500 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी.

 

5 साल बाद बाहर आ सकते हैं योजना से

पांच साल के लगातार योगदान के बाद किसान अपनी मर्जी से इस योजना से बाहर भी आ सकते हैं. इस दौरान उन्हें उनकी योगदान राशि को पेंशन कोष प्रबंधक जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ओर से बचत बैंक दरों की ब्याज के साथ वापस कर दिया जाएगा.

ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन

इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए किसान कॉमन सर्विस सेंटर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. किसान को केवल आधार कार्ड और बैंक खाते की डिटेल ले जानी होगी. रजिस्ट्रेन के दौरान किसान का किसान पेंशन यूनिक नंबर और पेंशन कार्ड बनाया जाएगा.