Employee Pension Scheme E95 New Guidelines: पेंशन को बुढ़ापे की लाठी माना जाता है. नेशनल पेंशन स्कीम और ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर जहां बहस हो रही है. इस बीच एक नई पेंशन स्कीम EPS यानी कर्मचारी पेंशन स्कीम भी है. ये पेंशन स्कीम नौकरीपेशा लोगों के लिए है. गौरतलब है कि पिछले दिनों ईपीएफओ ने पेंशन में नए नियम जारी किए थे. वहीं, अब EPFO साल 2022-23 के लिए भविष्य निधि की ब्याज दरों के लेकर फैसला कर सकता है. 25 और 26 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक होने वाली है. 

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इतना होता है पेंशन में योगदान

कर्मचारी पेंशन स्कीम यानी EPS-95 साल 1995 में लागू हुई थी. ये नौकरीपेशा लोगों के लिए होती है. वेतनभोगी कर्मचारियों का हर महीने आय का कुछ हिस्सा EPFO में जमा होता है. कुल 24 फीसदी में से हर महीने कर्मचारी अपनी तरफ से बेसिक आय का 12 फीसदी + DA ईपीएफ में योगदान करते हैं. वहीं, 12 फीसदी योगदान कंपनी या नियोक्ता की तरफ से होता है। कर्मचारी की तरफ से 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी पैसा कर्मचारी पेंशन स्कीम में जाता है, बाकी 3.33  फीसदी हिस्सा कर्मचारी प्रोविडेंट फंड में जमा होता है.  

 

क्या है बढ़ी हुई पेंशन का फॉर्मूला

नियमों के मुताबिक आपकी सैलरी चाहे कितनी भी हो लेकिन,पेंशन की केलकुलेशन 15 हजार रुपए पर ही होती है. ऐसे में 15 हजार रुपए का 8.33 फीसदी 1,250 रुपए हर महीने कर्मचारी पेंशन स्कीम खाते में जाता है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद 15 हजार रुपए की सीमा को खत्म कर दिया है. अब आप कितनी भी बेसिक आय का 8.33 फीसदी योगदान EPS में दे सकते हैं. ऐसे में अब 40 हजार रुपए की आय में गणना होगी. इससे आपकी पेंशन बढ़ जाएगी. इसके बाद ईपीएफ में 1,468 रुपए और कर्मचारी पेंशन स्कीम में 3,332 रुपए जमा कर सकते हैं. 

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कर्मचारी पेंशन स्कीम का लाभ नौकरी के 10 साल पूरा होने पर मिलता है. 10 साल पूरे होने के बाद आप अपने PF खाते से रकम निकाल सकते हैं. पेंशन धारक की अकाल मृत्यु पर परिवार को पेंशन मिलती है. परिवार नहीं तो नॉमिनी को इसका लाभ मिलता है.