Employee Pension Scheme: प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों के लिए Provident fund एक बढ़िया सेविंग स्कीम है. इसमें टैक्स छूट के अलावा अच्छा रिटर्न मिलता है और रिटायरमेंट के लिए बड़ा कॉरपस तैयार होता है. इसे रिटायरमेंट फंड इसलिए कहा जाता है कि नौकरी के दौरान कर्मचारी की सैलरी से कुछ हिस्सा कटकर प्रोविडेंट फंड में जमा होता है और कुछ हिस्सा पेंशन फंड (Employee Pension Scheme) में जमा होता है. कर्मचारियों को 58 की उम्र में PF पूरी रकम एकमुश्त मिलती है. लेकिन, पेंशन की रकम को मंथली बेसिस पर तय किया जाता है. इसको तय करने का एक फॉर्मूला होता है. 

EPS भी होता है सैलरी का हिस्सा

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EPF की तरह EPS भी कर्मचारी की सैलरी का हिस्सा है. EPS में हर महीने पेंशन के तौर पर न्यूनतम 1,000 रुपए से लेकर 7,500 रुपए तक मिलते हैं. हालांकि, ज्यादातर लोगों को यह मालूम नहीं होता कि आखिर एंप्लॉई पेंशन स्कीम का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है.

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क्या है EPS का फॉर्मूला?

PF खाते में एम्प्लाई की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी जमा होता है. एम्प्लॉयर का योगदान भी इतना ही होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर कें कंट्रीब्यूशन में से एक हिस्सा EPS यानि पेंशन फंड में जमा होता है. EPS में बेसिक सैलरी का 8.33% कंट्रीब्यूशन होता है. हालांकि, पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में पेंशन फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपए ही जमा सकता है. 

7500 रुपए तक मिलती है पेंशन

मौजूदा नियमों के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपए या उससे ज्यादा है तो पेंशन फंड में 1250 रुपए जमा होंगे. अगर बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए है तो योगदान 833 रुपए ही होगा. कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन की कैल्कुलेशन भी अधिकतम सैलरी 15 हजार रुपए (EPS Upper limit) ही मानी जाती है. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी EPS रूल के तहत सिर्फ 7,500 रुपए बतौर पेंशन मिल सकते हैं.

कैसे होती है EPS Calcualtion?

EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला= मंथली पेंशन=(पेंशन योग्य सैलरी x EPS खाते में जितने साल कंट्रीब्यूशन रहा)/70.

अगर किसी की मंथली सैलरी (आखिरी 5 साल की सैलरी का औसत) 15 हजार रुपए है और नौकरी की अवध‍ि 30 साल है तो उसे सिर्फ हर महीने 6,828 रुपए की ही पेंशन मिलेगी. सर्विस हिस्ट्री के दौरान एंप्लॉई पेंशन स्कीम (Employee Pension scheme) के तहत जमा होने वाली पूरी राशि सरकार के पास जमा होती है. इसका फायदा सीधे रिटायरमेंट पर ही मिलता है. 

लिमिट हटी तो कितनी मिलेगी पेंशन?

अगर 15 हजार की लिमिट हट जाती है और आपकी सैलरी 30 हजार है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से जो पेंशन मिलेगी वो ये होगी. (30,000 X 30)/70 = 12,857

पेंशन (EPS) के लिए मौजूदा शर्तें

- EPF सदस्य होना जरूरी.

- कम से कम रेगुलर 10 साल तक नौकरी में रहना जरूरी.

- 58 साल के होने पर मिलती है पेंशन. 50 साल के बाद और 58 की उम्र से पहले भी पेंशन लेने का विकल्प.

- पहले पेंशन लेने पर घटी हुई पेंशन मिलेगी. इसके लिए फॉर्म 10D भरना होगा.

- कर्मचारी की मौत होने पर परिवार को मिलती है पेंशन.

- सर्विस हिस्ट्री 10 साल से कम है तो उन्हें 58 साल की आयु में पेंशन अमाउंट निकालने का ऑप्शन मिलेगा.