ELSS scheme benefits: जानिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम के 5 बड़े फायदे, कैसे बचाता है आपका 46 हजार से ज्यादा Tax?
ELSS scheme benefits: निवेश की शुरुआत करने लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम शानदार स्कीम है. इस स्कीम का 80 फीसदी शेयर बाजार में और 20 फीसदी डेट मार्केट में निवेश किया जाता है. यह सालाना आधार पर 14-17 फीसदी का रिटर्न दे रहा है.
ELSS scheme benefits:: अगर आप फाइनेंशियल प्लानिंग कर रहे हैं तो टैक्स प्लानिंग बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह होती है कि हर किसी को जल्द से जल्द निवेश शुरू कर देना चाहिए. टैक्स और फाइनेंशियल एक्सपर्ट गरिमा बाजपेयी (CA Garima Bajpai) ने कहा कि निवेश शुरू करने का सही समय आपका 20s होता है. शुरुआत में आपके ऊपर जिम्मेदारी कम होती है, जिसके कारण भविष्य के लिए ज्यादा से ज्यादा निवेश संभव हो पाता है. आप निवेश की दुनिया में नए होते हैं, ऐसे में सही स्कीम का चयन भी जरूरी होता है.
ELSS में निवेश पर टैक्स बेनिफिट भी मिलता है
चार्टर्ड अकाउंटेंट गरिमा ने कहा कि टैक्स और इन्वेस्टमेंट के लिहाज से ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स शानदार विकल्प है. निवेश की शुरुआत ऐसी स्कीम्स से करनी चाहिए. इसमें टैक्स बेनिफिट के अलावा ग्रोथ का भी लाभ मिलता है. आइए इस स्कीम की 5 खास विशेषता के बारे में विस्तार से जानते हैं.
3 साल का लॉक-इन पीरियड
1>> ELSS इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड होता है जिसमें 80 फीसदी शेयर बाजार में और 20 फीसदी डेट में निवेश किया जाता है. इसमें मैक्सिमम निवेश की सीमा नहीं है, लेकिन मिनिमम निवेश 500 रुपए का होना चाहिए. इसके लिए लॉक-इन पीरियड सबसे कम 3 साल का होता है. इसमें निवेश करने पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है, जिसकी लिमिट 1.5 लाख रुपए होती है.
14-17 फीसदी का सालाना रिटर्न
2>> लॉन्ग टर्म में यह स्कीम वेल्थ क्रिएट करने में सक्षम होती है. इसके प्रदर्शन पर गौर करें तो इसने 14-17 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है. टैक्स बेनिफिट के साथ-साथ इतना शानदार रिटर्न निवेशकों के लिए बहुत अच्छा है. अगर कोई इंडिविजुअल 30 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आता है तो वह इसमें निवेश कर सालाना आधार पर 46800 रुपए तक का टैक्स बचा सकता है. रिटर्न पर लगने वाले टैक्स की बात करें तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. 1 लाख तक कैपिटल गेन टैक्स फ्री होता है. उसके बाद कैपिटल गेन पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.
SIP और एकमुश्त निवेश का विकल्प
3>>निवेशकों के पास यह विकल्प होता है कि वे ELSS स्कीम में SIP करें या फिर एकमुश्त निवेश की भी सुविधा उपलब्ध है. SIP कम से कम 500 रुपए की हो सकती है. एकमुश्त निवेश की अपर लिमिट नहीं है.
डिविडेंड विकल्प भी मौजूद
4>>अगर कोई निवेशक डिविडेंड विकल्प का चयन करता है तो 3 साल के लॉक-इन पीरियड के दौरान भी उसे सालाना आधार पर डिविडेंड का लाभ मिलेगा.
अन्य स्कीम से मुकाबला
5>>एक्सपर्ट ने कहा कि सेक्शन 80सी के तहत निवेश के विकल्पों में पब्लिक प्रोविडेंट फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट भी शामिल होता है. हालांकि, इन स्कीम्स पर रिटर्न फिक्स्ड होता है. ELSS पर मिलने वाला रिटर्न मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. यही वजह है कि मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिहाज से वेल्थ बनाने में यह स्कीम ज्यादा प्रभावी है. बीते पांच सालों में इसने सालाना आधार पर 14-17 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. चूंकि निवेश का यह विकल्प सीधा बाजार से संबंधित है. ऐसे में बाजार के उठापटक का आपके निवेश पर सीधा असर होता है. इससे बचने के लिए निवेशकों को लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह दी जाती है.