म्‍यूचुअल फंड में निवेश पर भी आप टैक्‍स सेविंग कर सकते हैं. इंडिविजुअल/सैलरीड टैक्‍सपेयर्स के पास 31 मार्च 2022 तक निवेश पर छूट लेने का मौका है. ऐसे में म्‍यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में निवेश पर सेक्‍शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्‍शन का फायदा ले सकते हैं. ELSS स्‍कीम्‍स में टैक्‍स सेविंग के साथ बेहतर रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है. डबल बेनेफिट के चलते नौकरीपेशा लोगों के बीच एक पॉपुलर टैक्‍स सेविंग इंस्‍ट्रूमेंट है. 

ELSS किसके लिए बेहतर ऑप्‍शन 

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वेंचुरा सिक्योरिटीज लिमिटेड (Ventura Securities Ltd) के डायरेक्‍टर जूज़र गबाजीवाला (Juzer Gabajiwala) का कहना है कि ऐसे निवेशकों को थोड़ा रिस्‍क उठा सकते हैं, उनके लिए ELSS फंड्स टैक्‍स सेविंग्‍स का बेस्‍ट ऑप्‍शन है. यह उन निवेशकों के लिए एक आइडियल ऑप्‍शन हैं, जिन्‍होंने सेक्‍शन 80C के अंतर्गत 1.50 लाख रुपये टैक्‍स डिडक्‍शन की लिमिट खत्‍म नहीं की है. इस स्‍कीम में महज 3 साल का लॉक-इन पीरियड है. साथ ही इक्विटी फंड जैसा रिटर्न मिलता है. इसके एक फायदा यह है कि जब आप ELSS फंड्स बेचते हैं तो कैपिटल गेन पर केवल 10 फीसदी की दर से टैक्‍स लगता है.

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फरवरी में 1098 करोड़ का इनफ्लो 

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी स्‍कीम्‍स में ELSS के जरिए फरवरी 2022 में 1098 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ है, जबकि जनवरी 2022 में इस स्‍कीम्‍स से करीब 805 करोड़ रु का इनफ्लो हुआ था. ELSS इसमें 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है. ELSS कैटेगरी में कई ऐसे फंड्स है, जिनमें निवेशकों को 3 साल में डबल से ज्‍यादा रिटर्न मिला है.  

 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)