इनकम टैक्‍स की बात चलती है तो Financial Year और Assessment Year, इन शब्‍दों का इस्‍तेमाल कहीं न कहीं जरूर होता है. अगर आप आईटीआर भरते रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको इसके बारे में पता हो. फाइनेंशियल ईयर को हिंदी में वित्‍त वर्ष कहा जाता है और शॉर्ट में FY लिखा जाता है. वहीं असेसमेंट ईयर को आकलन वर्ष कहा जाता है और संक्षेप में AY लिखा जाता है. लेकिन अगर आप पहली बार ITR फाइल कर रहे हैं तो आपको इनके बीच का अंतर जरूर जानना चाहिए. यहां जानिए इस बारे में-

क्या है फाइनेंशियल ईयर?

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सालभर की वो अवधि जिसमें आप कमाई करते हैं, उसे फाइनेंशियल ईयर कहा जाता है. सरकार की ओर से पेश किया जाने वाला बजट भी फाइनेंशियल ईयर के लिए पेश किया जाता है. कोई भी वित्‍त वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को खत्‍म होता है. इस हिसाब से 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि को वित्त वर्ष 2024-25 कहा जाएगा. Advance Tax और TDS फाइनेंशियल ईयर में ही चुकाए जाते हैं. चूंकि ये दोनों टैक्स आपकी संभावित आमदनी के अनुमानित गणना पर आधारित होते हैं, इसलिए वास्तविक देनदारी से ये कम या ज्‍यादा हो सकते हैं. टैक्‍स की वास्‍तविक देनदारी कितनी है, ये असेसमेंट ईयर में ही पता चलता है.

क्या होता है असेसमेंट ईयर?

वित्‍त वर्ष खत्‍म होने के ठीक बाद आकलन वर्ष शुरू हो जाता है. असेसमेंट ईयर यानी वो साल जहां आप फाइनेंशियल ईयर की कमाई पर टैक्‍स का आकलन करते हैं और उसके हिसाब से आईटीआर फाइल करते हैं.  जैसे 2023-24 तक का फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक था. इस वित्‍त वर्ष के लिए असेसमेंट ईयर 1 अप्रैल 2024 से शुरू हो गया है. 

पिछले वित्‍त वर्ष की कुल कमाई पर कितने टैक्‍स की देनदारी हुई, ये असेसमेंट ईयर में तय किया जाएगा और उसके हिसाब से इनकम टैक्स ​रिटर्न दाखिल किया जाएगा. जिसकी लास्‍ट डेट 31 जुलाई 2024 है. यानी 31 जुलाई 2024 में आप FY 2023-24 की कुल कमाई पर आईटीआर फाइल करेंगे. नियम के अनुसार वित्त वर्ष खत्म होने के एक साल के अंदर रिटर्न भरकर जमा कर देना अनिवार्य है. Assessment Year के लिए टैक्स नियम और Tax Slab Rates वही रहेंगे, जोकि उस Financial Year के लिए थे.