प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों के लिए पैसा मायने रखता है. यही वजह है कि वह 2-3 साल में नौकरी बदल लेते हैं. इसके साथ ही वह नौकरी के दौरान इकट्ठा हुआ पीएफ का पैसा भी निकाल लेते हैं. लेकिन, नौकरी बदलने के साथ ही पिछली कंपनी के पीएफ का पूरा पैसा निकालना घाटे का सौदा है. दरअसल, इस तरह आप भविष्य या यूं कहें कि रिटायरमेंट की प्लानिंग को खत्म कर देते हैं. इसके अलावा पेंशन योजना की निरंतरता को भी खत्म कर देते हैं.

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तुरन्त पैसा निकालना समझदारी नहीं

अक्सर लोग कंपनी बदलते ही तुरन्त पैसा विद्ड्रॉ कर लेते हैं. लेकिन, पीएफ को तुरन्त निकालना समझदारी नहीं है. इमरजेंसी में ही इस फंड को निकालना सही है. क्योंकि, नौकरी छोड़ने के बाद भी इस पर पीएफ का ब्याज मिलता है. इसके अलावा दूसरा विकल्प होता है कि नई कंपनी में ही पुरानी कंपनी का पीएफ ट्रांसफर करा लिया जाए. इससे फंड की निरंतरता भी नहीं टूटती है और ब्याज भी पूरी रकम पर मिलता है.

पेंशन योजना भी रहेगी चालू

नौकरी छोड़ने के बाद अगर आप पीएफ की राशि को नई कंपनी में ट्रांसफर कराते हैं तो आपकी सर्विस हिस्ट्री को निरंतर माना जाता है. ऐसे में आपकी खाते पर मिलने वाली पेंशन योजना को बंद नहीं किया जाता. रिटायरमेंट के वक्त प्रोविडेंट फंड डिपार्टमेंट यही देखता है कि आपकी कुल सेवा कितने साल की रही और आपके अकाउंट में कितना फंड है. इसके आधार पर ही गणना करके मासिक पेंशन योजना का फायदा मिलता है. इसके अलावा सर्विस हिस्ट्री नहीं टूटने पर आपको कई तरह की सुविधाओं का लाभ मिलता है.

रिटायरमेंट के बाद भी मिलता है ब्याज

58 से 60 साल की उम्र में रिटायमेट का दौर शुरू हो जाता है. पेंशन योजना भी यहीं से शुरू होती है. लेकिन, अगर आप रिटायरमेंट के बाद भी तीन साल तक पैसा नहीं निकालते तो ब्याज मिलता रहेगा. तीन साल के बाद ही इसे निष्क्रिय खाते की कैटेगरी में डाला जाता है. हालांकि, ब्याज उसके बाद भी मिलता है. पीएफ की राशि को ज्यादा समय तक अपने खाते में रखने का फायदा मिलता ही है. साथ में टैक्स फ्री होने का फायदा भी मिलता है. इसलिए जरूरी है आप अपने पीएफ कंट्रीब्यूशन ज्यादा रखें.

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पैसा निकालने के लिए KYC जरूरी

पीएफ का पैसा निकालना अब काफी सरल हो गया है. लेकिन, इसके लिए आपके खाते का केवाईसी होना जरूरी है. दो महीने तक बेरोजगार रहने की स्थिति में आप पीएफ का पूरा पैसा अपने खाते से निकाल सकते हैं. वहीं, नौकरी छोड़ने के 1 महीने बाद 75 फीसदी हिस्सा निकाला जा सकता है. अगर आपकी सर्विस दस साल से कम है तो पेंशन का भी पूरा पैसा निकाला जा सकता है. आमतौर पर पीएफ का पूरा पैसा 58 साल की उम्र होने के बाद ही निकाला जा सकता है.