Gold Buying on Dhanteras 2024: धनतेरस के साथ दिवाली के त्‍योहार का आगाज 29 अक्‍टूबर से होने जा रहा है. धनतेरस के दिन सोने-चांदी वगैरह की खरीददारी को काफी शुभ माना गया है. माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. यही वजह है कि इस दिन आभूषणों की खरीददारी का सिलसिला देर रात तक चलता रहता है. लेकिन सोने के बने जेवरात 14, 18 और 22 कैरेट सोने से तैयार होते हैं. अगर आप 22 कैरेट की ज्‍वैलरी भी खरीदते हैं तो उसमें आपको ज्‍यादा से ज्‍यादा 91.67% तक शुद्ध सोना मिलता है. ऐसे में अगर आप निवेश के लिहाज से धनत्रयोदशी पर सोना खरीदने का प्‍लान बना रहे हैं, तो वो सोना खरीदिए जिसमें आपको 99.5% तक शुद्धता की गारंटी मिले. यहां जानिए इसके बारे में-

इस सोने में मिलेगी 99.5% शुद्धता की गारंटी

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हम बात कर रहे हैं Gold ETF की. गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds) म्यूचुअल फंड का ही एक इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, जो सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है. यहां आप सोने में निवेश कर सकते हैं. गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है. हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता. आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा. निवेश के‍ लिहाज से ये फिजिकल गोल्‍ड की तुलना में बेहतर विकल्‍प साबित हो सकता है.

क्‍या हैं गोल्‍ड ETF के फायदे

शुद्धता की गारंटी

गोल्ड ETF से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है, जो कि सबसे उच्च स्तर की शुद्धता है. इसके अलावा शेयर बाजार में डायरेक्‍ट निवेश के मुकाबले ETF में निवेश कम उतार-चढ़ाव वाला होता है.

मेकिंग खर्च बचता है

आप जब ज्‍वैलर से कोई आभूषण खरीदते हैं, तो सोने के साथ आपको उसका मेकिंग चार्ज भी देना होता है, जिसके कारण सोना काफी महंगा पड़ जाता है. लेकिन गोल्‍ड ईटीएफ में आपको किसी तरह का मेकिंग चार्ज नहीं देना होता. गोल्ड ETF खरीदने में 1% या इससे कम की ब्रोकरेज लगती है, साथ ही पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है. लेकिन ये मेकिंग चार्ज की तुलना में काफी कम है.

सुरक्षा की फिक्र नहीं

अगर आप फिजिकल गोल्‍ड खरीदते हैं, तो उसमें सुरक्षा की फिक्र सताती है. वहीं गोल्‍ड ईटीएफ में ऐसा झंझट नहीं है. आप शेयर की तरह इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को डीमैट अकाउंट में रखते हैं, जिसके लिए सालाना डीमैट चार्ज देना होता है. लेकिन आपको इसके चोरी होने का खतरा नहीं होता.

आसान है खरीददारी

इसमें निवेश करना फिजिकल गोल्‍ड की तुलना में आसान है क्‍योंकि ETF को यूनिट्स में खरीदा जाता है. एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना. अगर आपके पास बहुत पैसे नहीं हैं, तो आप एक या दो यूनिट सोना खरीद सकते हैं. जबकि फिजिकल गोल्‍ड खरीदते समय आप अगर एक छोटी सी अंगूठी भी खरीदते हैं, तो वो कम से कम 4 से 5 ग्राम की होती है, ऐसे में आपको अच्‍छा खासा पैसा चाहिए होता है. गोल्‍ड ईटीएफ कम में भी खरीदा जा सकता है. साथ ही इसमें SIP के जरिए खरीददारी की भी सुविधा मिलती है.

सिक्‍योरिटी के तौर पर कर सकते हैं इस्‍तेमाल

अगर कोई व्‍यक्ति भविष्‍य में लोन लेना चाहता है तो वो फिजिकल गोल्‍ड की तरह Gold ETF को सिक्‍योरिटी के तौर पर इस्‍तेमाल कर सकता है. इसके अलावा गोल्ड ETF को बिना किसी परेशानी के तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है.

आप ऐसे कर सकते हैं गोल्‍ड ईटीएफ में निवेश

अगर आप गोल्‍ड ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पहले डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी. एक या दो दिन बाद आपके अकाउंट में गोल्‍ड ईटीएफ डिपॉजिट हो जाएंगे. ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही इसे बेचा जाता है.