देश के सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक नए रूप में स्वर्ण जमा योजना (R-GDS) को पेशकर निवेशकों को निवेश का एक शानदार विकल्प दे रहा है. यह गोल्ड में एक तरह से फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम है. बैंक के मुताबिक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में नियमित बचत खाते की तुलना में परिपक्वता की तारीख पर अधिक रिटर्न (अधिक ब्याज) दिया जाता है. इसमें आप सोने को डिपॉजिट कर सुरक्षा और रिटर्न दोनों का लाभ ले सकते हैं. इस स्कीम से जुड़ी ये खास बातें आपके काम आ सकती हैं. 

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ये कर सकते हैं निवेश

इस योजना में निवेश करने के लिए कोई सख्त शर्तें नहीं हैं. बाजार नियामक सेबी के तहत पंजीकृत व्यक्ति, स्वामित्व और साझेदारी वाली कंपनियां, एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार), म्यूचुअल फंड/एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जैसी कंपनियां इस योजना के तहत निवेश कर सकते हैं

न्यूनतम इतना सोना होगा जमा

याद रखें एसबीआई की इस योजना में हिस्सा लेने के लिए ग्राहकों को न्यूनतम 30 ग्राम सोना जमा करना अनिवार्य है. हालांकि, सोना जमा करने की अधिकतम सीमा नहीं है.

तीन तरह के हैं डिपॉजिट

नए रूप में स्वर्ण जमा योजना के तहत तीन तरह के डिपॉजिट हैं: शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट, इसके लिए न्यूनतम एक साल से तीन साल तक निवेश करना होता है. दूसरा है मध्यम अवधि सरकारी जमा. इसके लिए निवेश अवधि 5-7 साल के बीच होता है. केंद्र सरकार की ओर से बैंक द्वारा जमा स्वीकार किया जाएगा. तीसरा है लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट. इसके तहत 12-15 साल के बीच निवेश किया जा सकता है. केंद्र सरकार की ओर से बैंक द्वारा जमा स्वीकार किया जाता है.

कच्चे सोने के रूप में होगा जमा

इसका खास ध्यान रखना होगा कि आप जो सोना डिपॉजिट करेंगे उसे कच्चे सोने के रूप में स्वीकार किया जाता है जैसे सोने की छड़ें, सिक्के, स्टोर और आभूषण आदि.

इतना मिलता है ब्याज

अगर आप एक साल के लिए सोना डिपॉजिट करते हैं तो आपको 0.50 प्रतिशत प्रति वर्ष, 2 साल तक 0.55 प्रतिशत और 3 साल के लिए 0.60 प्रतिशत ब्याज मिलता है. 5-7 वर्षों के लिए मध्यम अवधि सरकारी जमा के तहत आपको ब्याज दरें, 2.25 प्रतिशत सालाना मिलता है. इसी तरह 12-15 वर्षों के लिए लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट के तहत आपको 2.50 प्रतिशत ब्याज मिलता है.

मूलधन को सोने में दर्शाया जाता

मध्यम अवधि सरकारी जमा और लंबी अवधि सरकारी जमा के मामले में, मूलधन को सोने में दर्शाया जाता है. एनडीटीवी प्रोफिट की खबर के मुताबिक, हालांकि, बैंक को 31 मार्च को सालाना ब्याज का भुगतान करना होगा या परिपक्वता पर जमा ब्याज का भुगतान करना होगा.

मूलधन का पुनर्भुगतान लेने का विकल्प 

शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट के तहत, निवेशक के पास मूलधन का पुनर्भुगतान लेने का विकल्प होता है, जो कि परिपक्वता की तारीख तक सोने या उसके बराबर मूल्य के बराबर होता है. मध्यम अवधि सरकारी जमा और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट के तहत, जमा को भुनाने का काम सोने या रुपये में सोने के मूल्य के बराबर होगा जो तब के सोने की कीमत के समान मान्य होगा.