आज के समय में इंश्‍योरेंस हर‍ किसी के लिए जरूरी हो गया है. सेहत से जुड़ी छोटी-छोटी समस्‍याएं भी कई बार इतनी बड़ी हो जाती हैं, कि लाखों रुपए तक इलाज में खर्च हो जाते हैं. वहीं अगर किसी को कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्‍या हो जाए, तो जीवनभर की पूंजी भी खर्च हो सकती है. इन अप्रत्‍याशित स्थितियों के बीच आपके लिए मददगार हो सकता है क्रिटिकल इलनेस इंश्‍योरेंस प्‍लान (Critical Illness Insurance Plan). यहां जानिए इसके बारे में.

क्‍यों जरूरी है क्रिटिकल इलनेस इंश्‍योरेंस

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आज के समय में क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस हर किसी के लिए जरूरी है क्‍योंकि खराब लाइफस्‍टाइल के चलते  कम उम्र पर भी लोगों को गंभीर समस्‍याएं होने लगी हैं. ऐसे मुश्किल हालात में ये पॉलिसी सुनिश्चित करती है कि किसी प्रकार की एमरजेंसी के दौरान आपकी बचत पर कोई असर न पड़े. क्रिटिकल इलनेस इंश्‍योरेंस में हार्ट अटैक, कैंसर, किडनी फेल, पैरालिसिस, ट्यूमर, कोमा, अंग प्रत्‍यारोपण जैसी गंभीर समस्‍याओं को कवरेज दिया जाता है, ये वो बीमारियां हैं जो आमतौर पर आपके शरीर के प्रमुख अंगों को प्रभावित करती हैं और जिनके लिए लंबे समय तक चलने वाले इलाज की जरूरत होती है.

क्‍या हैं इसके फायदे

  • वो गंभीर बीमारियां जो आपके फाइनेंस पर भारी पड़ सकती हैं और जिनका ट्रीटमेंट बहुत ज्यादा महंगा होता है, उन्‍हें कवरेज मिलता है, इससे मुश्किल समय में बहुत बड़ी वित्‍तीय मदद मिल जाती है.
  • सेक्शन 80D के तहत टैक्स आप इसमें टैक्‍स बेनिफिट्स ले सकते हैं. क्लेम करने की प्रक्रिया बेहद आसान है.
  • क्रिटिकल इलनेस कवर का फायदा ये भी है कि इसमें 45 वर्ष की आयु तक कोई मेडिकल चेक-अप की जरूरत नहीं होती.
  • अगर आपके पास ये इंश्‍योरेंस कवर है तो आप गुणवत्ता वाले हॉस्पिटल में मेडिकल खर्चों को भी आराम से पूरा कर सकते हैं.
  • गंभीर बीमारी की स्थिति में आपको कंपनी की ओर से लंपसम या अलग-अलग भुगतान किया जाता है. इससे इंश्योरेंस कंपनी से पैसे लेने के लिए परेशान होने की दिक्‍कतें नहीं होतीं.

कैसे चुनें क्रिटिकल इलनेस प्‍लान

अगर आप क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने जा रहे हैं तो उसके नियम व शर्तों को अच्छे से पढ़ लें. इसके साथ ही अपने परिवार की मेडिकल हिस्ट्री, पर्सनल हेल्थ कंडीशन और बीमारी के होने के जोखिम को भी पहले अच्‍छे से समझें और सारी स्थितियों का विश्‍लेषण करने के बाद ही पॉलिसी का चुनाव करें.

ये बीमारियां होती हैं कवर 

  • हार्ट अटैक    
  • मल्टीपल स्क्लेरोसिस    
  • स्ट्रोक    
  • कैंसर    
  • प्रमुख अंग प्रत्यारोपण    
  • कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी    
  • लकवा    
  • किडनी फेलियर    
  • एओर्टा ग्राफ्ट सर्जरी    
  • प्राइमरी पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन    
  • हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट    
  • पार्किन्सन रोग    
  • अल्ज़ाइमर की बीमारी    
  • एन्ड स्टेज लिवर डिज़ीज़    
  • कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर