पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में मोबाइल वॉलेट से ट्रांजैक्‍शन तेजी से बढ़ रहा है लेकिन इसके बावजूद क्रेडिट कार्ड का महत्व घटा नहीं है. आज के दौर में सभी के पास क्रेडिट कार्ड है और आमतौर पर बड़े लेनदेन करते समय लोग क्रेडिट कार्ड का ही इस्तेमाल करते हैं. डेबिट और क्रेडिट भले ही आपके कैश रखने से जुड़े रिस्‍क को कम करते हों लेकिन इनके गुम होने या चोरी होने की आशंका भी बनी रहती है. ऐसे में किसी बड़े नुकसान से बचने के लिए जरूर उपाए जरूर करने चाहिए.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 

अपने क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड को किसी नुकसान से बचाने का एक आसान सा रास्‍ता है कि कार्ड प्रोटेक्‍शन प्‍लान (CPP). सीपीपी को लेकर आप टेंशन फ्री हो सकते हैं. ब्रिटेन की कंपनी सीपीपी ग्रुप भारत में यह सुविधा उपलब्‍ध करा रही है. इसके अलावा कुछ दूसरी कंपनियां और बैंक भी सीपीपी की सुविधा दे रहे हैं. आइए जानें सीपीपी के बारे में खास बातें-

सीपीपी की कार्यप्रणाली

सीपीपी डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के गुम होने पर उससे संबंधित फ्रॉड को कवर करता है. इसके तहत आपके कार्ड का रिकॉर्ड पहले से सीपीपी में होगा और कार्ड खोने पर आप सिर्फ एक कॉल करेंगे गुम हुए आपके सभी कार्ड एक साथ ब्‍लॉक कर दिए जाएंगे. सीपीपी ग्रुप इसके लिए 24 घंटे वाली हेल्‍पलाइन भी चलाती है, इस नंबर को डायल करने के लिए पहले आपको स्‍थानीय शहर का एसटीडी कोड डालना होगा.

ये हैं सीपीपी के फायदे

आपके लिए इमरजेंसी ट्रैवल, होटल और नकदी की व्‍यवस्‍था भी की जाएगी. प्रीमियम और प्‍लैटिनम मेंबर को 20,000 रुपये और क्‍लासिक मेंबर को कार्ड के खोने या चोरी होने की दशा में 5,000 रुपये नकद उपलब्‍ध कराए जाते हैं. इसके अतिरिक्‍त आपको कार्ड के खोने या चोरी होने के 15 दिन पहले से फिशिंग और ऑनलाइन फ्रॉड का कवर उपलब्‍ध कराया जाता है. इस कवर की अधिकतम राशि 3 लाख रुपये होती है.