आपने कभी अनुभव किया होगा कि जब आप बैंक या किसी अन्य संस्थानों में लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक आपसे सिबिल स्कोर की चर्चा करता है. दरअसल, सिबिल स्कोर के प्रदर्शन पर ही आपको लोन मिलेगा या नहीं, निर्भर करता है. कई लोग आम जिंदगी में वित्तीय लेन-देन में काफी लापरवाह होते हैं, नतीजा यह  होता है कि उन्हें अपने सिबिल स्कोर की स्थिति का अंदाजा ही नहीं होता है और लोन के लिए दिया गया आवेदन खारिज हो जाता है. यहां हम चर्चा करते हैं कि आखिर क्या है ये सिबिल स्कोर और कैसे यह आप पर असर डालता है.

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क्या है सिबिल स्कोर

सिबिल स्कोर का प्रबंधन करने वाली संस्था व्यक्तियों और गैर-व्यक्तियों (कॉमर्शियल इकाई) के लोन और क्रेडिट कार्ड्स से संबंधित भुगतानों के रिकॉर्ड जुटाते हैं और रखते हैं. ये रिकॉर्ड बैंक और अन्य कर्जदाता संस्थानों की तरफ से हर महीने संस्था में भेजे जाते हैं. इन्हीं जानकारियों की मदद से क्रेडिट इन्फोर्मेशन रिपोर्ट (सीआईआर) तथा क्रेडिट स्कोर विकसित किया जाता है. इससे कर्जदाता लोन आवेदन का मूल्यांकन करते हैं और स्वीकृत करते हैं.

जब आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक आपका क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट की पड़ताल करते हैं. उस समय अगर आपका स्कोर कम है तो इसकी पूरी संभावना है कि बैंक आपके आवेदन पर विचार नहीं करते हुए उसी समय आपको लोन देने से मना कर सकता है. हां, अगर आपको सिबिल स्कोर अधिक है तब बैंक आपको लोन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है और आपके दस्तावेज की पड़ताल के बाद लोन स्वीकृत करता है. जानकारों का कहना है कि सिबिल स्कोर जितना अधिक होगा, लोन मिलने की संभावना उतनी अधिक होगी. लोन देने का अंतिम फैसला बैंक या अन्य कर्जदाता ही करते हैं. 

आप सुधार सकते हैं अपना स्कोर

ऐसा नहीं है कि आप अपना सिबिल स्कोर नहीं सुधार सकते. हां, इसके लिए आपको वित्तीय लेन-देन में अनुशासन लाना होगा. आपको अच्छा क्रेडिट हिस्ट्री बनानी होगी. इस कुछ खास कोशिशों से सुधारा जा सकता है. सबसे पहले हर माह या जो भी तय समयसीमा है, बकाए का भुगतान समय पर करें. इनमें होम लोन प्रीमियम, ऑटो लोन प्रीमियम, पर्सनल लोन प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड बिल आदि का भुगतान समय पर करें.

(रॉयटर्स)

जानकारों का मानना है कि अगर आप लगातार छह से आठ महीने तक समय पर भुगतान जारी रखते हैं तो आपके सिबिल स्कोर में काफी सुधार आने लगेगा. अगर आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो इसकी लिमिट को न बढ़ाएं, ऐसा करने पर स्कोर पर नकारात्मक असर होता है. अगर आपने कोई लोन पहले से ले रखा है तो उसे खत्म करें. लोन का सेटलमेंट न करें. यह सिबिल स्कोर में नुकसान करता है. साथ ही अपने क्रेडिट रिपोर्ट की समय-समय पर समीक्षा जरूर करें. 

कितना स्कोर है सही

सिबिल स्कोर की गणना 300 से 900 अंकों के बीच की जाती है. इसमें कम से कम आपका स्कोर 750 से अधिक होना चाहिए. इससे कम स्कोर पर आपको परेशानी हो सकती है. 800 से अधिक स्कोर को अच्छा माना जाता है. वैसे जिन लोगों का स्कोर 750 या उससे अधिक होता है, उन्हें जल्द और आसानी से लोन मिल सकता है. किसी भी व्यक्ति का सिबिल स्कोर हर माह बदलता रहता है.