GST रिटर्न जमा करने को लेकर दी गई बड़ी राहत, ये जानकारी है जरूरी
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने नवंबर महीने का GSTR-3B फॉर्म भरने की समयसीमा को 23 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. देश में माल एवं सेवा कर (GST) लागू करने के बाद इस फॉर्म को लाया गया था. इस फॉर्म में सामान आने और उसकी बिक्री की जानकारी देनी होती है. CBIC ने ट्वीट कर ये जानकारी दी.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने नवंबर महीने का GSTR-3B फॉर्म भरने की समयसीमा को 23 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. देश में GST (माल एवं सेवा कर) लागू करने के बाद इस फॉर्म को लागू किया गया था. इस फॉर्म में माल आने और उसकी बिक्री की जानकारी देनी होती है. CBIC ने ट्वीट कर ये जानकारी दी. ट्वीट में कहा गया है कि 'नवंबर, 2019 के GSTR-3B फॉर्म भरने की समयसीमा 23 दिसंबर, 2019 तक बढ़ा दिया गया है.
ये होता है GSTR-3B फॉर्म
GST के तहत पंजीकृत हर व्यक्ति के लिए GSTR-3B फॉर्म को भरना बेहद जरूरी होता है. यह एक सिंपल टैक्स रिटर्न फॉर्म होता है. नियमों के मुताबिक अगर किसी महीने में कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो तो भी इस फॉर्म को भरना आवश्यक होता है.
इन बातों का रखें ध्यान
इस फॉर्म को भरते समय केवल कुल संख्या दर्ज करना होता है.
अलग GSTIN होने पर अलग-अलग GSTR 3B Form भरना होता है. रिटर्न को एक दूसरे में मिलाया नहीं जा सकता है.
जिस महीने का रिटर्न भरना होता है, उसके अगले महीने की 20 तारीख तक यह फॉर्म भरने की जरूरत होती है.
इनकम टैक्स जमा करने की समय सीमा बढ़ी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department) ने पूर्वोत्तर के राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिज़ोरम और नागालैंड में एडवांस टैक्स जमा कराने की डेडलाइ 31 दिसंबर 2019 कर दी है. एडवांस टैक्स की तीसरी किस्त का भुगतान 15 दिसंबर 2019 को होने वाला था. लाइवमिंट की खबर के मुताबऐसा फैसला नागरिक संशोधन बिल को लेकर इन राज्यों में अशांति की वजह से लिया गया है.
ट्वीट कर दी ये जानकारी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ट्विटर पर किए एक पोस्ट में भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (northeast states) में हाल की गड़बड़ी को देखते हुए, CBDT ने वित्त वर्ष (वित्तीय वर्ष) 2019-20 के लिए 15 दिसंबर, 2019 से 31 दिसंबर, 2019 तक एडवांस टैक्स की तीसरी किस्त के भुगतान की तारीख बढ़ाने का फैसला किया है.
इन लोगों को जमा करना होता है एडवांस टैक्स
इनकम टैक्स 1961 की धारा 208 के अनुसार, यदि किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए आपकी अनुमानित कर देयता 10,000 रुपये से अधिक हो जाती है, तो आपको एडवांस टैक्स (अग्रिम कर) का भुगतान करना चाहिए. वेतनभोगी व्यक्तियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आपके कार्यालय के लेखा विभाग को पहले से ही जरूरत पड़ने पर वेतन से अग्रिम कर काट लेते हैं.