Union Budget 2024-25 Date: देश के आम बजट की तैयारियां जोरों पर हैं. हों भी क्यों ना, चुनावी सीजन से पहले मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बजट है. हालांकि, होगा अंतरिम ही, लेकिन हर बार की तरह हमारी आपकी उम्मीदें कम नहीं हैं. चुनाव हैं तो सरकार लुभाने के लिए नई स्कीम, टैक्स छूट जैसा फायदा दे भी सकती है. यही वजह है कि रियल एस्टेट सेक्टर भी ऊंची उड़ान भरने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ देख रहा है. होम लोन पर टैक्स छूट की डिमांड रखी गई है. इससे आम पब्लिक यानि टैक्सपेयर्स के अलावा रियल एस्टेट सेक्टर को भी बड़े फायदे होने की उम्मीद है.

होम लोन रीपेमेंट पर मिले 5 लाख रुपए तक टैक्स छूट

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कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) की डिमांड है कि होम लोन में टैक्स छूट के दायरे को बढ़ाया जाए. होम लोन के ब्याज रीपेमेंट में अभी छूट की लिमिट को 2 लाख है. इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाना चाहिए. क्रेडाई का मानना है कि ब्याज दरें काफी ऊंची हैं. साल 2024 की दूसरी तिमाही तक रेपो रेट में भी कटौती के आसान नहीं हैं. इसका सीधा असर होम लोन की EMI पर हुआ है. घर खरीदारों को हर महीने ज्यादा EMI चुकानी पड़ रही है. ऐसे में उन्हें टैक्स छूट देकर फायदा दिया जा सकता है. 

इनकम टैक्स सेक्शन 80C के तहत टैक्स में मिलने वाली छूट

होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के भुगतान पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की कटौती मिल सकती है. इसमें स्टैम्प-ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन इन पर कटौती साल में एक बार ही ली जा सकती है, जिस साल इनका भुगतान किया गया है. होम लोन नया घर खरीदने या घर बनाने के लिए ही लिया गया हो.

नोट: अगर आप घर खरीदने के 5 साल के अंदर उसे बेच देते हैं, तो उसके लिए अब तक मिली टैक्स कटौती को धारा 80C के तहत आपकी उस वर्ष की इनकम में जोड़ दिया जाएगा, जब आपने घर बेचा है.

इनकम टैक्स धारा 24(b) में होम लोन ब्याज भुगतान पर टैक्स में छूट

होम लोन के ब्याज का भुगतान करने पर टैक्स में 2 लाख रुपए तक की टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. जिस घर के लिए लोन लिया गया है, चाहे आप उसमें रह रहे हों या वो खाली हो. हालांकि, अगर आपने उस घर को किराय पर दिया हुआ है, तो टैक्स कटौती का लाभ नहीं मिलेगा.

रियल एस्टेट में बढ़ेगी डिमांड

होम लोन पर टैक्स छूट देने से मध्यम आय वर्ग के घर मालिकों के पास खर्च करने के लिए अतिरिक्त इनकम होगी और अन्य लोग भी घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे. क्रेडाई चेयरमैन मनोज गौड़ का मानना है कि ‘सेक्टर में तेजी के लिए जरूरी है कि डिमांड आए, और डिमांड तभी बढ़ेगी जब टैक्सपेयर्स को टैक्स छूट में कुछ फायदा दिया जाए.’ रेपो रेट में आई तेजी से होम लोन की ब्याज दरों में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. अगर ये स्थिर रहती हैं तो भी हाउसिंग डिमांड में तेजी नहीं आएगी. इसलिए सरकार को टैक्सपेयर्स को ही छूट देनी होगी. तभी सेक्टर में तेजी लौट सकती है.

कैसे मिलती है होम लोन पर टैक्स छूट

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत होम लोन के भुगतान पर टैक्स में राहत मिलती है. EMI में दो हिस्सा होता है. एक हिस्सा इंटरेस्ट का और दूसरा प्रिंसिपल का होता है. इंटरेस्ट वाले हिस्से पर एक वित्त वर्ष में सेक्शन 24(b) के तहत 2 लाख रुपए की टैक्स छूट मिलती है. मूलधन यानि प्रिंसिपल वाले हिस्से पर सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है, जिसकी लिमिट 1.5 लाख रुपए है.