Budget 2024 Income Tax Rates: वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अंतरिम बजट 2024 में बड़ा ऐलान किया. बजट पेश करते हुए उन्‍होंने कहा कि कुछ बहुत पुराने टैक्स मामलों को वापस लिया जाएगा. इस तरह के मामले वापस लेने से 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होगा. साथ ही साथ टैक्‍स से जुड़े विवाद सुझलेंगे. बजट में वित्‍त मंत्री ने टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इम्‍पोर्ट ड्यूटी सभी समेत सभी तरह के टैक्‍स रेट पहले की तरह प्रभावी बने रहेंगे. 

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वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्‍त मंत्री ने कहा कि पुराने आउटस्‍टैंडिंग डायरेक्‍ट टैक्‍स डिमांड को वापस लेगी. इसमें वित्‍त वर्ष 2010 तक 25,000 रुपये तक के मामले और वित्‍त वर्ष 2011-2015 के लिए 10,000 रुपये तक के मामले शामिल हैं. पिछले 5 सालों में करदाताओं की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं. GST की वजह से इंडस्ट्री पर कंप्लायंस का बोझ घटा है. औसत GST कलेक्शन दोगुना हुआ है. वित्‍त मंत्री ने कहा कि टैक्स रिफॉर्म से टैक्सपेयर्स का दायरा बढ़ा है. 

 

Budget 2024 on Income Tax Slabs: नए टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब?

नए टैक्स रिजीम में आपको 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन और कॉरपोरेट एनपीएस में जमा किए गए पैसों पर टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा आपको कोई छूट नहीं मिलती है. नए टैक्स रिजीम में कुल 6 स्लैब हैं. आइए जानते हैं अभी इसमें क्या हैं टैक्स स्लैब रेट.

  • नए टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा.
  • 3-6 लाख रुपये तक की सैलरी पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, लेकिन कुल टैक्सबेल इनकम 7 लाख रुपये से कम होने पर 87ए के तहत रिबेट मिल जाएगी.
  • 6-9 लाख रुपये तक की सैलरी पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा, लेकिन 7 लाख से कम टैक्सेबल इनकम हुई तो आप फायदे में रहेंगे. 
  • 9-12 लाख रुपये पर 15 फीसदी टैक्स लिया जा रहा है.
  • 12-15 लाख रुपये की सैलरी पर आपको 20 फीसदी टैक्स चुकाना होगा.
  • वहीं 15 लाख रुपये से अधिक की सैलरी पर आपको 30 फीसदी टैक्स देना होगा. 

Budget 2024 on Income Tax Slabs:  पुरानी टैक्स रिजीम में 5 स्लैब 

1- 0 से 2.5 लाख रुपये तक

पहला स्लैब है 2.5 लाख रुपये तक की सैलरी का, जिस पर हर करदाता को टैक्स में छूट मिलती है. यानी, अगर आपकी कुल इनकम 2.5 लाख रुपये तक है तो आपको एक भी रुपया टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है. यहां तक कि आपको ITR भी भरने की जरूरत नहीं है.

2- 2.5 से 3 लाख रुपये तक

इसके अंतर्गत सीनियर सिटीजन (60 साल से ऊपर) और सुपर सीनियर सिटीजन (80 साल से ऊपर) को 50 हजार रुपये की स्पेशल छूट मिलती है. उन्हें 2.5 से 3 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर भी टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं होती है. मतलब इन्हें 3 लाख रुपये तक की सैलरी पर टैक्स छूट मिलती है.

3- 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक

अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच है तो आपको उस कमाई पर 5 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना होगा. हालांकि, अगर आपकी कुल टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक ही रहती है तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 87ए के तहत 12,500 रुपये तक की रिबेट मिल जाएगी. इस तरह आप पर लगने वाले इफेक्टिव टैक्स शून्य हो जाएगा. हालांकि, आपको यह फायदा तभी मिलेगा, जब आप आईटीआर फाइल करेंगे.

4- 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक

अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 5-10 लाख रुपये के बीच है, तो आपको सीधे 20 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. हालांकि, आप एचआरए, 80सी के तहत की जाने वाली सेविंग, बच्चों की पढ़ाई पर होने वाले खर्च समेत तमाम खर्चों और निवेशों के जरिए काफी सारा टैक्स बचा सकते हैं. मान लीजिए कि आपकी सैलरी 10 लाख है और आप 5 लाख रुपये निवेश और खर्चे दिखाकर बचा लेते हैं, तो आपकी टैक्स देनदारी शून्य हो जाएगी, क्योंकि आपकी टैक्सबेल इनकम 5 लाख रुपये हो जाएगी. वहीं अगर आप सिर्फ 3 लाख के डिडक्शन ही ले पाए तो आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये होगी. इस तरह आपको 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक पर 5 फीसदी और फिर 5-7 लाख रुपये तक पर 20 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना होगा.

5- 10 लाख से ऊपर

अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 10 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. ध्यान रहे कि यहां पर टैक्सेबल इनकम का मतलब है कि तमाम तरह के डिडक्शन और छूट पाने के बाद बची इनकम. उसी पर टैक्स लगता है.