Budget 2022 Income Tax: 1 फरवरी को जब बजट (Budget) पेश होगा तो ठीक बजट भाषण (Budget speech) में कई अहम पड़ाव आएंगे, जहां देश का हर नागरिक गौर करके यह समझने की कोशिश करेगा कि उसके लिए काम की बात क्या रही. लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण होता है पर्सनल टैक्स (Personal tax). इस सेक्शन पर सबसे ज्यादा नजर रहती है. खासकर नौकरीपेशा वर्ग (Salaried) यह जानना की कोशिश में रहता है कि उसके लिए क्या प्रावधान किए गए हैं. लेकिन, बजट डॉक्युमेंट (Budget document) की जटिल भाषा के चलते उसके लिए समझना आसान नहीं होता. अगर इनकम टैक्स (Income tax) के हर सेक्शन की जानकारी हो तो बजट में इससे जुड़े ऐलानों को समझा जा सकता है. इसके लिए यह समझना जरूरी है कि आयकर अधिनियम (Income tax act) के किस सेक्शन में कितनी छूट मिलती है.

सेक्शन 80C

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सोशल सिक्योरिटी, इन्वेस्टमेंट कंपोनेंट से जुड़े ऑप्शन पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C (Income tax section 80C) के तहत छूट मिलती है. इनमें EPF, PPF में निवेश, LIC प्रीमियम, सुकन्या समृद्धि योजना, NSC, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ELSS) और टैक्स सेविंग FD जैसे शामिल हैं. मौजूदा नियमों में कुल 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर इनकम टैक्स छूट मिलती है. दो बच्चों की ट्यूशन फीस, होम लोन प्रींसिपल अमाउंट, घर खरीद की स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज भी सेक्शन 80C का ही हिस्सा हैं और इनमें इनकम टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.

सेक्शन 80CCD(2D)

सेक्शन 80CCD(2D) के तहत नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बेसिक सैलरी के 10% तक के निवेश पर इनकम टैक्स छूट का फायदा मिलता है. NPS की खास बात ये है कि इसमें निवेश पर छूट सभी टैक्स स्लैब पर लागू है. पिछले 12 सालों में NPS में निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला है.

सेक्शन 24B

होम लोन (Home Loan) के ब्याज पर सेक्शन 24B के तहत मंथली इंस्टॉलमेंट पर कुल 2 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. साथ ही घर की मरम्मत के लिए 30 हजार रुपए तक के लोन पर भी इनकम टैक्स में छूट मिलती है. घर की मरम्मत के लिए बैंक से लिए गए लोन पर छूट की जानकारी कम ही लोगों को होती है. 

सेक्शन 80D

हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर सेक्शन 80D के तहत इनकम टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है. इसमें पॉलिसी होल्डर, पति/पत्नि और बच्चों के प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है. इस ऑप्शन में 25,000 रुपए तक के प्रीमियम पर छूट ली जा सकती है. पैरेंट्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने पर 25,000 रुपए के प्रीमियम पर छूट मिलती है. पैरेंट्स सीनियर सिटीजन हैं तो उनके हेल्थ इंश्योरेंस के 30,000 रुपए तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट ले सकते हैं. खुद और सीनियर सिटीजन पैरेंट्स के हेल्थ इंश्योरेंस पर 55,000 रुपए तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है.

सेक्शन 80DD

सेक्शन 80D के अलावा इनकम टैक्स कानून में दो और सेक्शन हैं. इनमें भी स्वास्थ्य से जुड़े खर्च को टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80DD में आश्रित किसी विकलांग व्यक्ति के लिए चिकित्सा खर्च से संबंधित है. आश्रित में जीवनसाथी, बच्चे, पैरेंट्स, भाई या बहन हो सकते हैं. टैक्स छूट इस बात पर निर्भर है कि आश्रित की विकलांगता कितनी गंभीर है. अगर आश्रित 40 फीसदी तक विकलांग है तो 75,000 रुपए तक का मेडिकल खर्च टैक्स छूट के दायरे में आएगा. वहीं, आश्रित 80 फीसदी तक विकलांग है तो 1,25,000 रुपए तक के मेडिकल एक्सपेंस को कवर कर सकते हैं.

सेक्शन 80DDB

सेक्शन 80DDB के तहत कैंसर, किडनी की बीमारी का खर्च कवर होता है. इसमें खुद या आश्रित के लिए बीमारी पर खर्च पर टैक्स छूट ली जा सकती है. 60 साल से कम उम्र के लोगों में इस तरह की बीमारी के इलाज में आने वाले 40,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट मिलती है. 60 से 80 साल के आश्रितों के लिए बीमारी के खर्च पर 60,000 रुपए तक टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है. सुपर सीनियर सिटीजन के मामले में टैक्स छूट की सीमा 80,000 रुपए तक है.

सेक्शन 80U

सेक्शन 80U के तहत अगर खुद कोई व्यक्ति 40 फीसदी से ज्यादा विकलांग हैं तो टैक्स छूट क्लेम कर सकता है. हालांकि, सेक्शन 80U और सेक्शन 80DD का फायदा एक साथ नहीं मिलेगा. टैक्स छूट का फायदा सेक्शन 80DD की तरह ही होता है. फर्क है कि ये सेक्शन खुद की विकलांगता से जुड़ा है. वहीं, सेक्शन 80D में आश्रितों के मेडिकल खर्च पर छूट मिलती है.

सेक्शन 80E

अगर आपने खुद के लिए, अपने पति/पत्नी, बच्चे के लिए एजुकेशन लोन लिया है तो इस पर ब्याज की रकम पर आप सेक्शन 80E के तहत छूट ले सकते हैं. यह रकम किसी भी सीमा तक हो सकती है और देश/विदेश में कहीं भी पढ़ाई के लिए ली जा सकती है. छूट पाने के लिए शर्त यह है कि लोन फुल टाइम उच्च शिक्षा के लिए लिया गया हो और किसी वित्तीय संस्थान या धर्मार्थ संस्था से लिया गया हो.

सेक्शन 80G

सेक्शन 80G के तहत डोनेशन पर छूट मिलती है. सरकार की तरफ से नोटिफाई फंड में दान करने पर 100% रकम पर टैक्स छूट मिलती है. 

सेक्शन 80TTA

बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट से कमाए ब्याज पर ITR में अन्य स्रोत से इनकम में दिखाना होगा. अगर एक वित्त वर्ष में ब्याज की रकम 10,000 रुपए से कम है तो सेक्शन 80TTA के तहत इनकम छूट क्लेम कर सकते हैं. हालांकि, 10 हजार रुपए से ज्यादा के ब्याज से हुई आय पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स चुकाना होता है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें