बजट के बाद आ रही ज्यादातर खबरों में बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुक्रवार को पेश किए गए बजट (Budget 2019) में सिर्फ 5 लाख तक करयोग्य आय वालों को ही इनकम टैक्स (Income tax) में राहत दी गई है और उसके ऊपर करयोग्य आय वालों को कोई फायदा नहीं मिला है. हालांकि ये बात सही नहीं है. मोदी सरकार के इस बजट में सभी को कुछ न कुछ राहत दी गई है. बजट प्रस्तावों के मुताबिक 10 लाख से 50 लाख आय वालों को इनकम टैक्स में करीब 3120 रुपये की छूट मिलेगी. ऐसा होगा वेतनभोगी वर्ग के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में हुई बढ़ोतरी की वजह से. इसके अलावा नोशनल रेंट के प्रावधानों में बदलाव से होने वाली बचत लाखों में हो सकती है. 

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स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा

बजट में सरकार ने वेतनभोगी वर्ग के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये करने का प्रस्ताव किया है. इसका फायदा 5 लाख से अधिक आय वाले सभी लोगों को मिलेगा. 5 लाख से 10 लाख के बीच आय वाले लोगों को 2080 रुपये, 10 लाख से 50 लाख आय वाले लोगों को 3120 रुपये और इससे ऊपर आय वाले लोगों को करीब 3500 रुपये का फायदा होगा.

नोशनल रेंट के प्रावधान में बदलाव

यदि किसी व्यक्ति के पास दो मकान हैं, तो सरकार ये मानती थी कि कोई व्यक्ति एक ही घर में सकता है, इसलिए दूसरे घर से उसे किराए की आमदनी हो रही होगी. उस इलाके के सरकारी दरों के हिसाब से किराए की गणना करके उस पर इनकम टैक्स ले लिया जाता था. अब दूसरे मकान पर नोशनल टैक्स को खत्म कर दिया गया है. अब आपको दूसरा मकान रखने पर टैक्स नहीं देना होगा. मान लीजिए आपका दूसरा मकान ऐसे इलाके में है, जहां किराया 50000 रुपये महीने है और आप 30% टैक्स स्लैब में आते हैं, तो आपको हर साल करीब 180000 रुपये की बचत होगी.

अन्य बचत

इसके अलावा अगर आप अपनी किसी मकान को बेचकर एक साल के भीतर उस पैसे से कोई दूसरा मकान खरीदते थे, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता था. हालांकि उस पैसे से आप एक मकान ही खरीद सकते थे. अब नए प्रावधानों के मुताबिक आप उससे दो मकान खरीद सकते हैं और आपको कोई कैपिटल गेन नहीं देना होगा. इस तरह कैपिटल गेन टैक्स में भी बचत की जा सकती है. बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर 10000 से अधिक ब्याज आय पर टीडीएस देना पड़ता था. अब इसे बढ़ाकर 40000 कर दिया गया है. इससे आपकी जेब में अतिरिक्त आमदनी होगी.