क्रेडिट कार्ड (Credit Card) भी एक तरह का कर्ज ही है. बस सहूलियत ये है कि इस कर्ज को चुकाने के लिए आपको एक ग्रेस पीरियड दिया जाता है जिसमें आपको किसी तरह का ब्‍याज नहीं देना पड़ता. यही वजह है आज के समय में क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. वैसे तो क्रेडिट कार्ड आजकल बहुत आसानी से मिल जाते हैं. लेकिन अगर आपका सिबिल स्‍कोर बहुत खराब है तो बैंक आपको क्रेडिट कार्ड देने में आनाकानी कर सकते हैं या साफतौर पर इनकार भी कर सकते हैं क्‍योंकि ऐसे मामलों में बैंक को लोन डिफॉल्‍ट होने का रिस्‍क दिखता है.

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अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. इस स्थिति में आप सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड  (Secured Credit Card) के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. ये ऑप्‍शन खराब सिबिल स्‍कोर के बावजूद आपके काम आएगा और बैंक आपकी इस एप्‍लीकेशन को तुरंत अप्रूव करेंगे. जानिए क्‍या होता है सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड और क्‍या होते हैं इसके फायदे.

क्‍या होता है सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड?

जैसा कि सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड के नाम से ही स्‍पष्‍ट है कि ये कोलैटरल जमा के बदले में मिलने वाला कार्ड होता है. ये कार्ड फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट के बदले में दिया जाता है यानी इस कार्ड को लेने के लिए बैंक में आपकी एफडी होना जरूरी है. ज्‍यादातर सिक्‍योर्ड कार्ड की लिमिट एफडी के 85 फीसदी तक रखी जाती है. जब तक कस्‍टमर्स की एफडी बैंक में रहती है, कार्ड यूजर इस क्रेडिट कार्ड को इस्‍तेमाल कर सकता है. 

लेकिन अगर सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड यूजर की तरफ से किसी भी कारण से क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट निश्चित समय तक नहीं किया गया, तो बैंक के पास उसके फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट को भुनाकर अपना कर्ज वसूल करने का अधिकार होता है. सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड उन लोगों के लिए बेहतर विकल्‍प है, जिनके क्रेडिट कार्ड की रिक्‍वेस्‍ट को किसी कारण से बैंक रिजेक्‍ट कर देती हैं. 

सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड के फायदे

- सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड पर रेग्‍युलर क्रेडिट कार्ड की तरह डिस्‍काउंट, ऑफर्स, रिवार्ड वगैरह नहीं मिल पाते, लेकिन फिर भी कई मायनों में ये काफी फायदेमंद होता है. यहां जान लीजिए सिक्‍योर्ड क्रेडिट कार्ड के फायदे-

- समय पर बिल पेमेंट करके इसके जरिए आप अपने खराब क्रेडिट स्‍कोर को बेहतर कर सकते हैं. ये कार्ड क्रेडिट हिस्ट्री को जेनरेट करने में मदद करता है. इससे भविष्‍य में लोन या क्रेडिट कार्ड की संभावना को बेहतर किया जा सकता है.

- कार्ड की लिमिट आपकी एफडी के अमाउंट पर निर्भर करती है. एफडी अमाउंट जितना ज्‍यादा होगा, कार्ड की लिमिट भी उतनी बेहतर होगी.

- रेग्‍युलर क्रेडिट कार्ड की तुलना में इसकी ब्‍याज दरें कम होती हैं क्‍योंकि ये एफडी के बदले में दिया जाता है. सिक्योर्ड कार्ड के लिए एनुअल मेंटिनेंस चार्ज भी कम होता है.

- कोलैटरल डिपॉजिट के बदले में मिलने के कारण इसका अप्रूवल लेना आसान होता है. खराब क्रेडिट स्‍कोर का इस पर कोई फर्क नहीं पड़ता. इसके लिए आपको एनुअल इनकम का प्रूफ नहीं देना पड़ता.

- एफडी पर क्रेडिट कार्ड लेने से कार्ड होल्‍डर को फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट पर ब्याज प्राप्त करने के साथ-साथ बिना किसी एक्स्ट्रा खर्च के अपना क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का विकल्‍प मिल जाता है.