अधिकांश लोग यह समझते हैं कि खराब क्रेडिट स्कोर सिर्फ आपके आर्थिक पहलू को प्रभावित करता है, मगर ऐसा नहीं है. कमजोर या खराब क्रेडिट स्कोर आपकी नौकरी को भी प्रभावित कर सकता है. अगर आप नौकरी बदलना चाहते हैं और या आप नई कंपनी में आए हैं तो नियोक्ता या कंपनी न सिर्फ आपके रिज्यूम को परखते हैं, बल्कि आपक्रे क्रेडिट स्कोर की भी पड़ताल करते हैं.  

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तीन अंकों वाला क्रेडिट स्कोर किसी भी व्यक्ति के कर्ज लेने और उसे चुकाने के इतिहास के ट्रेंड दर्शाता है. खासकर कर्जदाता इस अंक का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के कर्ज के लिए आवेदन करने के दौरान करते हैं. पिछले कुछ समय से देखा गया है कि भारत में कंपनियां नौकरी के लिए आने वाले किसी भी आवेदक के सामने क्रेडिट स्कोर को भी योग्यता की एक शर्त के रूप में सामने रख रही हैं. इसका मतलब यह हुआ कि भले ही आपने इंटरव्यू में बहुत अच्छा किया लेकिन आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा है.

क्रेडिट स्कोर अगर इतना है तो सही

विश्लेषकों का कहना है कि क्रेडिट स्कोर 300 से 850 अंक के बीच आंका जाता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर 700 अंक से अधिक है तो आपको कर्ज मिलना बहुत आसान हो जाता है. पैसा बाजार डॉट कॉम के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर राधिका बिनानी कहते हैं कि कम क्रेडिट स्कोर यह दर्शाता है कि आप कर्ज चुकाने के मामले में लापरवाह हैं. इससे आपके लिए नौकरी को सुरक्षित रख पाना मुश्किल हो सकता है. 

कार्य क्षमता पर होता है असर

लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, वर्तमान समय में भर्ती प्रक्रिया के दौरान क्रेडिट स्कोर का परीक्षण कुछ सीमित क्षेत्रों तक है जैसे- दूरसंचार, बैंकिंग और बीमा क्षेत्र आदि. इसके अलावा क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां, बाजार नियामक सेबी और बीमा नियामक इरडा इसका अनुपालन करते हैं. नियोक्ता द्वारा क्रेडिट स्कोर का परीक्षण किया जाना कर्मचारी के आर्थिक सेहत जानने के लिए करता है. कुछ कर्मचारी कर्ज तले इतने दबे होते हैं कि वह कार्यस्थल पर इस दबाव के कारण बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. कंपनियां ऐसी परिस्थितियों से बचना चाहती हैं. 

आपके पास क्या हैं विकल्प

एक बात यह जान लें कि हर हाल में आपको अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर स्थिति में रखना होगा. इसके लिए आप कई उपाय कर सकते हैं. अगर आपके पास पहले से कर्ज है या क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान बाकी है तो आप समय-समय पर इसमें सुधार लाने के प्रयास करें. इसके लिए नियमित तौर पर समीक्षा करें. ऐसा करने से आप पहले ही अपना क्रेडिट स्कोर जान पाएंगे और आप इसे ठीक करने के लिए आवश्यक उपाय भी करेंगे. आप अपने सभी बकाया बिल या कर्ज की मासिक किस्त समय पर चुकाएं. जानकार कहते हैं कि नौकरीपेशा को कम-कम समय अंतराल पर बैंक या वित्तीय संस्थानों से डायरेक्ट लोन या क्रेडिट कार्ड संबंधी पूछताछ नहीं करनी चाहिए. इससे भी क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है.