दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम 'आयुष्मान भारत' (Ayushman Bharat) कोरोना काल में देश के गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है.

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नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के एडिशनल CEO प्रवीण गेडाम से ज़ी बिज़नेस की खास बातचीत में कहा कि इस स्कीम में पिछले एक महीने में 1000 नए अस्पतालों को शामिल किया गया है. इस योजना में अब तक देशभर में 22,000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हो चुके हैं.

उन्होंने बताया कि कोरोना संकट को देखते हुए आयुष्मान भारत योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) में कई बदलाव किए गए हैं. इस योजना में कोविड की जांच और इलाज के पैकेज शामिल किए हैं. इसमें पीपीई कीट (PPE Kit) और मास्क (Face Mask) के खर्चों की भी शामिल किया गया है. केंद्र ने राज्य सरकारों को उनकी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग पैकेज बनाने को कहा है.

 

कोविड (Covid-19) पैकेज के तहत देशभर में करीब 8000 जांच हो चुकी हैं और करीब 6000 कोरोना मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में हो चुका है.

इस योजना के तहत गरीब लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है.

आम आदमी की हॉस्पिटल तक पहुंच

आयुष्मान भारत योजना के तहत आने वाले लोगों की अस्पतालों तक पहुंच आसान बने, इसके लिए इस योजना में देशभर के 22,000 अस्पतालों को शामिल किया गया है. 

बता दें कि आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है, जिसका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों खासकर बीपीएल कार्ज धारकों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है. इस योजना में आने वाले हर परिवार को 5 लाख रुपये तक का कैशरहित स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है.

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यह योजना 23 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के रांची में शुरू की थी. इस योजना के तहत परिवार के आकार, आयु या लिंग पर कोई सीमा नहीं है.