कई बार कस्टमर्स ये शिकायत करते हैं कि उन्हें जरूरत के समय बिजनेस लोन नहीं मिला. लेकिन बिजनेस लोन लेने का प्रोसीजर होम लोन से भी आसान है. बिजनेस लोन में लगने वाले डाक्यूमेंट्स भी तुलना में काफी कम होते हैं. अगर आप क्विक बिजनेस लोन लेना चाहते हैं तो कुछ खास फैक्टर्स का ध्यान रख आप इस प्रोसेस को बेहद आसान बना सकते हैं.

क्लियर बिजनेस प्लान 

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अगर आप बिजनेस को लेकर वाकई सीरियस हैं और इसके लिए लोन लेना चाहते हैं तो आपके दिमाग में पहले से ही अपने प्लान के लिए एक रोडमैप तैयार होता है. इस आईडिया को आपको पेपर पर लिख लेना है ताकि आपकी एबिलिटी और प्लानिंग क्लियर हो. ऐसा करने के बाद आप लेंडर के आपके बिजनेस से जुड़े आधे से ज्यादा सवालों के जवाब बेहद आसानी से दे पाएंगे.

बिजनेस ट्रैक रिकॉर्ड

आपके फ्यूचर प्रोजेक्ट से ज्यादा आपके पास्ट एक्सपीरियंस जरूरी होते हैं. फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन ये जानने में ज्यादा रूचि रखते हैं कि इसके पहले  आपने किसी बिजनेस को हैंडल किया है या नहीं. और अगर किया है तो कितनी अच्छी तरह किया है. भले ही ये आपका पहला वेंचर क्यों न हो आपके पास्ट एक्सपीरियंस और एक्सपर्टीज बेहद जरूरी हैं. क्योंकि फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन सिर्फ यही कन्फर्म करना चाहते हैं कि आप अपना लोन रीपेमेंट समय रहते कर पाएंगे या नहीं. 

क्रेडिट स्कोर 

किसी भी तरह के लोन में क्रेडिट स्कोर एक बेहद जरूरी भूमिका निभाता है. इसी के आधार पर ये तय किया जाता है कि आपको लोन मिलेगा या नहीं और अगर मिलेगा भी तो कम इंटरेस्ट रेट पर दिया जाएगा या फिर ज्यादा. जैसे कि 500 से नीचे क्रेडिट स्कोर होने पर एप्लीकेशन रिजेक्शन या फिर लोन पर हाई इंटरेस्ट रेट देना पड़ सकता है.

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रेवेन्यू पोटेंशियल 

यूं तो रेवेन्यू अस्पेक्ट आपके बिजनेस प्लान में कवर किया जाता है. लेकिन लेंडर के लिए ही नहीं आपके बिजनेस के लिए भी एक ठोस रेवेन्यू प्लान होना जरूरी है. बिना इसके बिजनेस सर्वाइव नहीं कर सकता. इसलिए रेवेन्यू पार्ट भी लेंडर द्वारा अलग से डिस्कस किया जा सकता है. इसलिए आपके पास एक ठोस प्लान होना जरूरी है. इन कुछ जरूरी बातों का ध्यान रख जब आप बिजनेस लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो लोन अप्रूवल के चांसेज बढ़ाए जा सकते हैं. बेहतर सलाह के लिए वेरिफाईड लेंडर की सलाह जरूर लें.