किसी भी कर्मचारी को मिलने वाली सैलरी में कई कंपोनेंट होते हें. इनमें से एक कंपोनेंट हैं महंगाई भत्‍ता (DA). यह सीधे तौर पर हमारी कॉस्‍ट ऑफ लिविंग से जुड़ा है. यह कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स से लिंक्‍ड होता है. केंद्र सरकार की समितियां इसे समय-समय पर संशोधित करती रहती हैं. इसकी गणना बेसिक पे को आधार मानकर प्रतिशत में की जाती है. अभी कर्मचारियों और पेंशनरों को 9 फीसदी DA मिल रहा है. लोगों के मन में अक्‍सर यही सवाल उठता है कि डीए पर आयकर लगता है या नहीं? जी हां, वेतनभोगी को मिलने वाला डीए पूरी तरह से टैक्‍सेबल है.

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अलग शहर में अलग डीए

डीए कर्मचारी के काम करने की लोकेशन के आधार पर अलग होता है. शहरी क्षेत्र के लिए डीए ज्‍यादा होगा. वहीं अर्द्ध शहरी क्षेत्र और गांव के लिए डीए कम होगा.

आप भी निकाल सकते हैं अपना डीए

महंगाई भत्‍ता ऑल इंडिया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (AICPI) से लिंक्‍ड होता है. इसके फॉर्मूले में एआईसीपीआई का औसत लिया जाता है.

महंगाई भत्‍ता % = ((एआईसीपीआई का औसत (आधार वर्ष 2001=100) बीते 12 माह के लिए -115.76)/115.76)x100

डीए और एचआरए में अंतर

डीए की तरह हाउस रेंट अलाउंस (HRA) भी कर्मचारी के वेतन का महत्‍वपूर्ण कंपोनेंट है. नियोक्‍ता इसे अपने कर्मचारी की किराए के आवास की जरूरत पूरी करने के लिए देती हैं. एचआरए पब्लिक सेक्‍टर और प्राइवेट सेक्‍टर दोनों के कर्मचारियों को मिलता है. डीए का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी के विशिष्‍ट प्रतिशत के आधार पर होता है, जिसे बाद में बेसिक में एचआरए के साथ जोड़ दिया जाता है.