7th Pay Commission latest news: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. अब उनकी मुराद पूरी होती दिख रही है. ताजा अपडेट में पता चला है कि उनके फिटमेंट फैक्टर की फाइल अब आगे बढ़ती दिख रही है. वहीं, साल 2023 के अंत में इस पर फैसला हो सकता है. हालांकि, अभी तोहफा मिलने में समय है लेकिन इतनी उम्मीद तो बंध गई है कि सैलरी में बंपर इजाफा हो सकता है. सैलरी में ये इजाफा बेसिक स्तर पर होगा और 7वें वेतन आयोग के तहत ही ऐसा होगा. मतलब अगले वेतन आयोग के आने से पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों को ये तोहफा मिल सकता है.

7th Pay Commission: कितना बढ़ सकता है Fitment Factor?

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केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness allowance) पहले ही बढ़कर 38 फीसदी पहुंच चुका है. अगले साल इसमें दो बार और बढ़ोतरी होनी है. लेकिन, कर्मचारियों की लंबे समय से डिमांड थी कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत उनके फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जाए. अब ऐसा होना संभव दिख रहा है. सूत्रों की मानें तो सरकार इस मसले पर अगले साल विचार कर सकती है और साल 2023 के अंत तक इस पर फैसला भी हो सकता है. फिलहाल, फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 रुपए है. फिटमेंट फैक्टर फिलहाल 2.57 गुना है. केंद्रीय कर्मचारियों की डिमांड थी कि इसे 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के तहत 3.68 गुना किया जाए. इससे उनकी बेसिक सैलरी में बड़ा जंप आएगा. 3.68 गुना होने पर न्यूनतम वेतन 26,000 रुपए हो जाएगा. लेकिन, सरकार बीच का रास्ता निकालते हुए इसे बढ़ाकर 3 गुना कर सकती है. हालांकि, इस पर कोई भी फैसला अगले साल ही होगा.

Fitment Factor बढ़ने पर सैलरी कितनी बढ़ेगी?

फिटमेंट फैक्टर को अगर बढ़ाकर 3 गुना किया जाता है तो कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा होगा. मान लीजिए किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो मौजूदा वक्त में भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए बनती है. अगर इसे वेतन आयोग की सिफारिशों के अधीन अधिकतम दर पर मान लिया जाए तो 3.68 गुना से सैलरी 26000X3.68= 95,680 रुपए हो जाएगी. वहीं, 3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर बेसिक सैलरी 21000 रुपए हो जाएगी और कुल सैलरी भत्तों से अलग 21000X3 = 63,000 रुपए होगी.

Fitment Factor से कैसे तय होती है सैलरी?

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में फिटमेंट फैक्टर का बड़ा रोल है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी भत्तों (Salary Allowances) के अलावा उसकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) से ही तय होती है. ये वो फैक्टर है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाती है. जैसा ऊपर कैलकुलेशन के हिसाब से बताया गया है. 7th Pay Commission की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर जो की 2.57 है. सैलरी तय करते वक्त महंगाई भत्ता (Dearness Allowance), यात्रा भत्ता (Travel Allowance), हाउस रेंट अलाउंट (House Rent Allowance) के साथ बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है. 

EPF, ग्रेच्युटी भी सैलरी में है शामिल

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में भत्तों के अलावा दूसरे कंपोनेंट भी होते हैं. सैलरी में मंथली प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) और ग्रेच्युटी (Gratuity) भी शामिल होती है. EPF और ग्रेच्युटी बेसिक सैलरी और DA से लिंक होते हैं. केंद्रीय कर्मचारी का EPF और ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने के लिए अलग फॉर्मूला होता है. सारे भत्ते और कटौतियां CTC से हो जाती हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की टेक होम सैलरी तय होती है.

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