7th Pay Commission: सरकार ने जारी किया ये शासनादेश, मिलेगी पहले से अधिक पेंशन
भारत सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम में बदलावों के साथ नया शासनादेश जारी कर दिया है. पेंशन स्कीम में सरकार की ओर से किए गए बदलावों से कर्मचारी काफी उत्साहित हैं. कई कर्मचारी संगठनों ने इस नई पेंशन स्कीम का स्वागत किया है.
7th Pay Commission: भारत सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम में बदलावों के साथ नया शासनादेश जारी कर दिया है. पेंशन स्कीम में सरकार की ओर से किए गए बदलावों से कर्मचारी काफी उत्साहित हैं. कई कर्मचारी संगठनों ने इस नई पेंशन स्कीम का स्वागत किया है. इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम में किए गए बदवालों के बाद यह काफी आकर्षक हो गई है.
मिलेगी बढ़ी हुई पेंशन
सरकार की ओर से अपना अंशदान बढ़ाए जाने से अब पुरानी पेंशन स्कीम की तुलना में न्यू पेंशन स्कीम के तहत अधिक पेंशन मिलेगी. उदाहरण के तौर पर यदि कोई ग्रुप सी का कर्मचारी 35 साल बाद सेवानिवृत होता है तो पुरानी पेंशन स्कीम में उसे 74000 रुपये पेंशन मिलती. लकिन न्यू पेंशन स्कीम में बदलावों के बाद अब उसे 79000 रुपये पेंशन मिलेगी.
न्यू पेंशन स्कीम में बदलावों के बाद मिलेंगे ये लाभ
न्शू पेंशन स्कीम 01 अप्रैल 2004 से लागू है. इसके तहत कर्मचारियों को अब उनके सेवानिवृत होने के बाद उन्हें बढ़ी पेंशन मिलेगी. वहीं कर्मचारी के बाद मृतक आश्रितों को नौकरी का लाभ मिलेगा. नई पेंशन स्कीम में ग्रेच्युटी पारिवारिक पेंशन व अन्य सुविधाओं को भी शामिल कर दिया गया है. ये सभी सुविधाएं पुरानी पेंशन स्कीम में थीं. वहीं कर्मचारी अपनी जमा धनराशि से अब बीमारी, शादी, मकान बनवाने, शिक्षा आदि के लिए पैसे निकाल सकेंगे.
अंशदान जमा करना अनिवार्य होगा.
नई व्यवस्था के तहत यदि सरकार समय पर अपना अंशदान जमा नहीं करती है तो उसे जीपीएफ की तरह ही चक्रवृद्धि ब्याज के साथ अपना अंशदान जमा करना होगा. इसी तरह कर्मचारी यदि अपना 10 फीसदी अंशदान समय पर जमा नहीं करता है तो उसे एनपीएस का सदस्य बने रहने के लिए बकाया अंशदान जमा करना अनिवार्य होगा.
जल्द सभी प्रदेशों में लागू होगी व्यवस्था
इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया उत्तर प्रदेश सरकार ने जल्द ही केबिनेट से पास करा कर न्यू पेंशन स्कीम को संशोधनों के साथ लागू करने की बात कही है. वहीं संगठन की आेर से अन्य राज्य सरकारों से भी इस व्यवस्था को जल्द लागू करने की मांग की है.