सरकारी कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) में अपना अंशदान बढ़ा कर कर्मचारियों को कुछ राहत पहुंचाने की मांग की है. लेकिन देश के सबसे बड़े सरकारी कर्मचारियों के संगठन ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडेशन सहित देश के सभी सरकारी कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) से कम किसी भी बात को मानने को तैयार नहीं है. पुरानी पेंशन स्कीम को देश के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू कराने को रेलवे सहित कई संगठन जनवरी में एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं. जनवरी में रेलवे सहित कई सरकारी कर्मचारियों के संगठन देश भर में पुरानी पेंशन योजना की मांग को ले कर प्रदर्शन करेंगे.

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सभी संगठनों को साथ लाने की कोशिश

ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि देश के ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों के संगठनों की कुछ मांगें समान है. इन मांगों में 7th Pay Commission के तहत भत्ते दिया जाना व पुरानी पेंशन योजना को लागू करना प्रमुख है. उन्होंने बताया कि जनवरी में एक बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है. इस आंदोलन में देश के सभी सरकारी कर्मचारियों के संगठनों को एक मंच पर ला कर पुरानी पेंशन योजना को लागू कराने के लिए संघर्ष किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस बड़े आंदोलन में सभी संगठनों को एक साथ लाने के लिए प्रयास तेज किए जा चुके हैं. यह आंदोलन काफी बड़े स्तर पर होगा.

जनवरी में गिरफ्तारी देंगे कर्मचारी

केंद्र सरकार से 7वें वेतन आयोग के तहत बेसिक पे बढ़ाने की मांग के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्‍यवस्‍था (OPS) को फिर से बहाल करने की मांग पूरे देश में जोर पकड़ रही है. जम्‍मू-कश्‍मीर, ओडीशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश समेत कई अन्‍य राज्‍यों में ओपीएस की मांग तेज हो रही है. दिल्‍ली सरकार ने कर्मचारियों को ओपीएस लागू करने का आश्‍वासन दिया है. इससे अन्‍य राज्‍यों के कर्मचारियों को अपने यहां भी ओपीएस लागू होने की उम्‍मीद जगी है.

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वे 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी हाल में पुरानी पेंशन व्‍यवस्‍था को लागू कराने की कोशिश करेंगे. यूपी की संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति (S4) के अध्‍यक्ष एसपी तिवारी की मानें तो 21 दिसंबर 2018 से 21 जनवरी 2019 के बीच यूपी के लाखों कर्मचारी ओपीएस के लिए संघर्ष करेंगे. वे पीएम मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम तक अपनी मांग पहुंचाएंगे. इसके बाद भी ओपीएस लागू नहीं हुआ तो फिर 21 जनवरी से 5 फरवरी 2019 के बीच सरकारी कर्मचारी गिरफ्तारी देंगे और जेल भरो आंदोलन का रास्‍ता अख्तियार करेंगे. इस आंदोलन में सरकारी कर्मचारी के साथ शिक्षक वर्ग भी शामिल है.

इस वजह से एनपीएस का विरोध कर रहे कर्मचारी

एनपीएस पर कर्मचारियों को सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि हजारों करोड़ रुपए शेयर मार्केट या अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थाओं, बांड में निवेश किए जाएंगे. इस निवेश से जो रिटर्न आएगा उस आधार पर कर्मचारियों की पेंशन तय होगी. कर्मचारियों का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा की तरह है. ऐसे में इसे बाजार के जोखिमों के अधीन करना ठीक नहीं.