7th Pay Commission DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. उनके महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन (DA Hike Calculation) जुलाई 2024 से बदल जाएगा. लेकिन, ऐसा क्यों हो रहा है और ये गुड न्यूज कैसे ये समझना जरूरी है. केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) को फिलहाल 50 फीसदी महंगाई भत्ता (DA) मिल रहा है. ये जनवरी 2024 से लागू है. महंगाई भत्ते (Dearness allowance) में अगला हाइक जुलाई 2024 से लागू होगा. हालांकि, इसे मंजूरी मिलते-मिलते सितंबर हो सकता है. लेकिन, इसे लागू जुलाई से ही किया जाएगा. अब समझते हैं कैलकुलेशन बदलने से क्या होगा.

0 से शुरू होगी कैलकुलेशन 

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महंगाई भत्ते (DA) का स्कोर तय करने वाले AICPI इंडेक्स के नंबर्स जनवरी से जून 2024 के बीच जारी होने हैं. इनमें से सिर्फ अभी तक जनवरी 2024 का आंकड़ा सामने आया है. ये नंबर्स ही तय करेंगे कि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness allowance) कितना बढ़ेगा. 50 फीसदी महंगाई भत्ता होने पर शून्य (0) होने वाले महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन बदल जाएगी. ये कैलकुलेशन 0 से शुरू होगी और जितना उछाल आएगा मसलन 3-4 फीसदी के आगे काउंट होगी. लेबर ब्यूरो के सूत्रों की मानें कैलकुलेशन बदलना तय है. हालांकि, सभी सवालों के जवाब के लिए 31 जुलाई 2024 तक का इंतजार करना होगा.

AICPI नंबर्स से तय होता है महंगाई भत्ता

7th Pay Commission के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता AICPI इंडेक्स यानि CPI(IW) से तय होता है. इसे लेबर ब्यूरो हर महीने के आखिरी वर्किंग डे पर जारी करता है. हालांकि, ये आंकड़ा एक महीने की देरी से चलता है. मसलन जनवरी का आंकड़ा फरवरी के आखिर में आता है. इंडेक्स के नंबर्स से तय होता है कि महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा. महंगाई भत्ता निर्धारण के लिए एक फॉर्मूला दिया गया है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये फॉर्मूला है [(पिछले 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) का औसत - 115.76)/115.76]×100. इसमें ब्यूरो कई वस्तुओं का डेटा इकट्ठा करता है. इसके आधार पर इंडेक्स का नंबर तय होता है. 

लेबर ब्यूरो ने जारी नहीं किया 2 महीने का आंकड़ा

इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए CPI की कैलकुलेशन के लिए हर महीने के आखिरी वर्किंग डे पर AICPI का नंबर जारी होगा. इसके लिए इवेंट कैलेंडर पहले ही जारी हो चुका है. इसके मुताबिक, 29 फरवरी को जनवरी का CPI नंबर जारी किया गया था. 28 मार्च को फरवरी का CPI नंबर जारी होना था. लेकिन, इसे नहीं दिया गया. वहीं. 30 अप्रैल को मार्च का नंबर भी जारी नहीं हुआ. बताया जा रहा है कि लेबर ब्यूरो के पास फरवरी के नंबर्स नहीं हैं. इसलिए आगे की कैलकुलेशन नहीं हुई है. साथ ही इरादा ये भी है कि जुलाई से पहले सारे आंकड़े जुटाने के बाद आखिर में इसे जारी किया जाए. 31 जुलाई को जून महीने का नंबर जारी होगा. ये नंबर ही छह महीने में बढ़ी महंगाई की तुलने में कितना महंगाई भत्ते बढ़ना चाहिए ये तय करेगा.

फरवरी का नंबर जारी करने में देरी

मौजूदा स्थिति देखें तो जनवरी तक CPI(IW) का नंबर 138.9 अंक पर है. इससे महंगाई भत्ता 50.84 फीसदी हो चुका है. इसे 51 फीसदी काउंट किया जाएगा. अनुमान के मुताबिक, फरवरी में ये आंकड़ा 51.42 पर पहुंच सकता है. एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि महंगाई भत्ते में अगला हाइक भी 4 फीसदी का ही होगा. लेकिन, इसे 4 फीसदी दिया जाएगा या फिर 54 फीसदी ये अभी कहना जल्दबाजी है.

कैसे मिलेगी कर्मचारियों को गुड न्यूज?

एक्सपर्ट्स साफ तौर पर मानते हैं कि अभी ये स्थिति साफ नहीं होगी कि महंगाई भत्ते को शून्य किया जाएगा या नहीं. जुलाई में जब फाइनल नंबर आएगा, तभी स्थिति स्पष्ट होगी कि इसे शून्य किया जाएगा या फिर कैलकुलेशन 50 से आगे ही चलेगी. ये पूरी तरह सरकार पर निर्भर करेगा कि महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन कैसे और कहां से होगी. लेकिन, इस बीच जिस गुड न्यूज की बात हम कर रहे थे वो ये है कि शून्य होते ही 50 फीसदी महंगाई भत्ते का पैसा खुद बेसिक में मर्ज कर दिया जाएगा. 

न्यूनतम सैलरी में आएगा 9000 रुपए का उछाल

अगर जुलाई से महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन 0 से शुरू होती है तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 9000 रुपए का इजाफा होगा. ये इजाफा सबसे न्यूनतम सैलरी पर कैलकुलेट होगा. अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18000 रुपए है तो उनकी सैलरी बढ़कर 27000 रुपए हो जाएगी. ऐसी ही किसी कर्मचारी की सैलरी 25000 रुपए है तो उसकी सैलरी में 12500 रुपए का इजाफा हो जाएगा. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि, महंगाई भत्ता शन्यू होने पर इसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा. हालांकि, आखिरी बार 1 जनवरी 2016 में महंगाई भत्ते को शून्य किया गया था. उस वक्त 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशें लागू हुई थीं.